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पीथमपुर में उद्योगपतियों के लिए पर्यावरण नियम और प्रदूषण नियंत्रण पर कार्यशाला संयुक्त तत्वावधान में हुआ आयोजन

सुरेन्द्र दुबे ब्यूरो चीफ धार 2 सितंबर 25/ मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री संजीव कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धार एवं मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र-3 स्थित एक निजी कंपनी के सभागार में कार्यशाला आयोजित की गई। विषय था—“पर्यावरण अधिनियमों के प्रावधान, प्रदूषण का पर्यावरण पर प्रभाव एवं पर्यावरण क्षरण”। कार्यशाला में न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धार प्रदीप कुमार सोनी, पर्यावरणविद्,मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विशेषज्ञ सहित प्रशासन और पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

 

पर्यावरण सुरक्षा पर कानूनी जानकारी

न्यायाधीश/सचिव प्रदीप कुमार सोनी ने पर्यावरण सुरक्षा से जुड़े विभिन्न अधिनियमों, प्रावधानों एवं कार्यवाही की प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्देशानुसार राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की अनुशंसा के पालन में ऐसे जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ जल एवं शुद्ध वायु का मौलिक अधिकार सुरक्षित रह सके। उन्होंने उद्योगपतियों से अपील की कि वे पर्यावरण प्रदूषण रोकने के लिए उचित उपाय करें और विभागों के बीच आपसी समन्वय बनाए रखें।

 

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की प्रक्रिया पर जानकारी

विशेषज्ञ श्री अविनाश करेरा ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया, प्रदूषण की शिकायत पर की जाने वाली कार्रवाई और बोर्ड के अधिकार क्षेत्र पर विस्तार से प्रकाश डाला।

 

सामाजिक दायित्व पर जोर

पर्यावरणविद् डॉ. खुशाल सिंह ने पेड़ों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि आज से 300 वर्ष पूर्व राजस्थान में खेजड़ी के पेड़ों की रक्षा के लिए 263 लोगों ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। उन्होंने जल अधिग्रहण क्षेत्र के महत्व को बताते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण सभी का सामाजिक दायित्व है, जिसके लिए निरंतर सामाजिक चेतना जागृत करना आवश्यक है।

मानव अधिकार दृष्टिकोण से विचार रखते हुए जयेश राजपुरोहित ने कहा कि स्वच्छ पेयजल प्रत्येक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि इंदौर ने स्वच्छ शहर का खिताब लगातार जीतकर पर्यावरण के प्रति आदतों में बदलाव लाया है, वैसी ही आदतें उद्योगों को भी विकसित करनी होंगी।

 

उद्योगों की व्यापक सहभागिता

कार्यशाला में जिला व्यापार एवं उद्योग विभाग, श्रम विभाग,प्रमुख उद्योगों—सिप्ला फार्मा, टोरेंट फार्मा, ग्लेनमार्क फार्मा, पार फार्मा, आयशर मोटर्स, फोर्स मोटर्स, एसआरएफ लिमिटेड, शक्ति पंप, ज्योति लैब, अजंता फार्मा, मेडिलक्स लैब, श्री तिरुपति बालाजी फाइबर, कृष्णा बायोकेम आदि के अधिकारी एवं प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

 

 

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