
*उज्जैन में सम्पन्न हुआ ज्योतिष सम्मेलन*
रविवार को उज्जैन में संपन्न अखिल भारतीय ज्योतिष सम्मेलन में मौजूद विद्वानों ने तिथियों को एक मान्य होने पर जोर दिया है। विद्वानों ने कहा है कि कई बार महत्वपूर्ण त्योहार और तिथियां अलग-अलग पंचांगों में दो- दो दिनों तक बताई जाती है, इससे न केवल लोगों में विभ्रम की स्थिति निर्मित होती है वहीं देशभर के पंचांग कर्ताओं को भी इस महत्वपूर्ण मामले में विचार मंथन करने की जरूरत है। विद्वानों का यह कहना था कि कोई भी तिथि क्यों न हो, वह एक मान्य होना चाहिए और पंचांग कर्ताओं को तिथियों को लेकर पहले आपस में चर्चा कर लेना चाहिए ताकि एक ही तिथि दो-दो दिनों तक न बताई जा सकेगी।
उज्जैन में ज्योतिष सम्मेलन का आयोजन श्री अवंतिका वैदिक कर्मकांड एवं ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र के तत्वावधान और पंडित अंकित दुबे के संयोजन में किया गया। आयोजन में देश भर के प्रसिद्ध ज्योतिषियों ने हिस्सा लेकर विभिन्न विषयों पर विचार मंथन किया। इस अवसर पर पूर्व राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त पंडित योगेन्द्र महंत, पीठाधीश्वर महंत भगवान वेदांताचार्य रसिक महाराज, कृपाराम उपाध्याय, डॉक्टर सर्वेश्वर शर्मा जयेन्द्र कीर्ति छड़ी वाले बाबा, अंजलि सक्सेना, अल्पना मिश्रा, निधि बंसल, रचना परमार, गिरिजा शंकर प्रहलाद शर्मा, प्रवीण गोस्वामी आदि अतिथि के रूप में मौजूद रहे। अध्यक्षता डॉक्टर प्रदीप पंड्या ने की। कार्यक्रम समन्वयक नारायण वैष्णव, गौरव गुप्ता जितेन्द्र जोशी, गौरव अ्रवाल, भारती वर्मा थे जबकि संयोजन राहुल भारद्वाज का था। संचालन गिरीश व्यास ने किया।