ताज़ा ख़बरें

बाबा साहब की जयंती पर आयोजित हुआ समरसता महाकुंभ का आयोजन,

*खास खबर*

बाबा साहब की जयंती पर आयोजित हुआ समरसता महाकुंभ का आयोजन,

महा आरती के साथ हुआ समरसता भोज,

विश्व को सिरमौर बनते देखना है तो हमें संगठित हिंदू समता मूलक होना पड़ेगा, ,,डॉ.प्रकाश शास्त्री,,

छोटे बड़े का भेदभाव किए सभी को एक दृष्टि से हम देखेंगे तो समरस समाज की स्थापना होगी, ,,महामंडलेश्वर विवेकानंद पुरी,,

खंडवा ।। परिवार बचाएंगे तो देश बचेगा स्वदेशी अपनाएंगे तो देश आगे बढ़ेगा। भारत को फिर से विश्व का सिरमौर बनाना है तो संगठित हिन्दू समता मूलक समाज की स्थापना ही हमारा ध्येय होना चाहिए। संविधान निर्माता डॉ.भीमराव अंबेडकर की जयंती पर मां शारदा सेवा समिति द्वारा टपाल चाल खंडवा में आयोजित समरसता महाकुंभ में यह बात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि वैज्ञानिक एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मालवा प्रांत संघ चालक डॉक्टर प्रकाश शास्त्री ने कही।अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि हमारा देश द्रुत गति से आगे बढ़ रहा है लेकिन यदि इसे वापस विश्व का सिरमौर बनते देखना है तो हमें संगठित होना पड़ेगा। सब मिलकर कार्य करेंगे तो ही देश वापस सोने की चिड़िया बनेगा। इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है कुटुंब प्रबोधन। हम सभी परिवार के साथ रहें, मिलजुल कर रहें और बंधुत्व का भाव रखें। सभी समाज रोटी बेटी का नाता स्थापित करें। स्वदेशी के प्रति गर्व का भाव हमारे अंदर आए। जो मेरा है उसे सारी कमियों के साथ स्वीकार करना है और सबको मिलकर उसकी कमी को दूर करने का प्रयास करना है। मेरी भाषा मेरी भूषा और मेरे देश में तैयार हुआ सामान मेरा अपना है, जब ये भाव हमारे अंदर आएगा तो देश तेजी से आगे बढ़ेगा। नागरिक अनुशासन अत्यंत आवश्यक है और हमें जो बांटने का प्रयास करें उसके झांसे में न आते हुए संगठित होकर उसका विरोध करना भी आवश्यक है। अगर हमें भारत को आगे बढ़ाना है तो संपूर्ण हिंदू समाज को जाति वर्ग की सीमाएं तोड़कर संगठित होना पड़ेगा, तभी समरस और समृद्ध समाज की स्थापना होगी और हम आगे बढ़ेंगे।
कार्यक्रम के विशेष अतिथि महामंडलेश्वर विवेकानंद पुरी जी ने कहा की समता ही समरसता है। समरसता जीने की आवश्यकता है। जब हम बिना छोटे बड़े का भेदभाव किए सम दृष्टि से हमारे सभी भाई बहनों को देखेंगे तो समरस समाज की स्थापना होगी। और जब समरस समाज की स्थापना होगी, सभी मिलकर देश की प्रगति के लिए कार्य करेंगे तो देश तेजी से आगे बढ़ेगा। डॉ.अंबेडकर ने अपने संविधान में देश के छोटे से छोटे और बड़े से बड़े व्यक्ति की समता स्थापित करने के लिए कानून बनाए हैं लेकिन अपने भाई को भाई कहने के लिए, अपने राम को राम कहने के लिए हमें किसी कानून की आवश्यकता नहीं है। आप दृढ़ विश्वास से कहें कि मैं भगवान का हूं और भगवान मेरे हैं तो भगवान आपको अवश्य मिलेंगे। शबरी ने तो श्री राम की प्रतीक्षा वर्षों की थी लेकिन आपको राम तुरंत मिल जाएंगे। ऐसे ही विश्वास से कहें कि मैं देश का हूं और ये देश मेरा है तो हमारे देश और इसके हर नागरिक को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक पाएगा। समाज सेवी सुनील जैन ने बताया कि अंबेडकर जयंती पर शारदा सेवा समिति द्वारा आयोजित समरसता महाकुंभ का आयोजन जिसमें वक्ताओं ने बाबा साहब के जीवन चरित्र पर अपनी बात रखी।
सेवाभारती के पूर्णकालिक श्री विनोद मोहने ने कहा कि संतों की भाषा और महापुरुषों का जीवन समाज तक पहुंचे इसका प्रयास हम सभी को करना चाहिए। समाज संतों और महापुरुषों से मार्गदर्शन लेकर प्रगति करे। हर बच्चा शिक्षित हो, संस्कारित हो। जब समाज पूर्ण रूप से विकसित होगा तो देश को भी विकास के शिखर पर पहुंचने के लिए बल मिलेगा।
कोरी समाज के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अनिल वर्मा ने कहा कि जो लोग डॉ.अंबेडकर को हिंदू विरोधी कहते हैं वे संविधान की मूल पुस्तक का अवलोकन कर लें जिसमें बाबा साहब ने भगवान श्री राम के साथ-साथ हमारे देश की संस्कृति के चित्र भी संविधान में स्थापित किए हैं। उन्होंने जीवन भर हिंदू समाज को एक करने और विकसित करने का प्रयास किया है आज उनकी जयंती पर हम उन्हें राष्ट्र निर्माता के तौर पर सादर नमन करते हैं। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं भगवान राम,भारत माता और डॉ. अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। स्वागत उद्बोधन योगेंद्र सोनकर ने दिया। अतिथियों का स्वागत उमेश कुमार महार समाज, राजेश टूंडलायत वाल्मीकि समाज, जयदीप गायकवाड बुद्ध समाज, बालू वाबले मराठा समाज,अजय नीलकंठ बलाई समाज,बालकिशन बरकने जांगड़ा मोची समाज ने किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रफुल्ल मंडलोई ने संविधान निर्माण में प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में डॉ अंबेडकर की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उनका जीवन परिचय सदन के समक्ष रखा। उन्होंने बताया कि हम सबके लिए बड़े गर्व की बात है कि डॉ. अंबेडकर का जन्म आज के दिन मध्य प्रदेश के महू में हुआ था जिसका नाम अब मध्यप्रदेश शासन द्वारा बाबा साहब के सम्मान में अंबेडकर नगर किया गया है। वहीं संविधान सभा के 389 सदस्यों में से एक पंडित भगवंत राव मंडलोई खंडवा के हैं और वे बाद में प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। पंडित माखनलाल चतुर्वेदी जिनकी शाला के प्रांगण में यह कार्यक्रम हो रहा है उन्होंने खंडवा में कर्मवीर की स्थापना की और राष्ट्रवाद की भावना पूरे देश में प्रबल करने में उनका अप्रतिम योगदान रहा। भारत माता की आरती एवं समरसता भोज के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ आभार प्रदर्शन शैलेश खंडेलवाल ने किया। कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष राजपाल सिंह तोमर, सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल,विधायक कंचन तन्वे,महापौर अमृता यादव,अमर यादव,
मुकेश तन्वे, पूर्व विधायक देवेंद्र वर्मा,अतुल शाह, रिंकू सोनकर, सुनील जैन, अनिल बाहेती,प्रशांत सारडा, सुनील बंसल,गुरमीत ऊबेजा,योगेश सोनकर,भगवान मोहे,आशीष चटकेले सहित बड़ी संख्या में सर्व समाज के नागरिक सम्मिलित हुए।

Show More
Back to top button
error: Content is protected !!