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बच्चे संस्कारों के अभाव में भटक रहे हैं धर्म की शिक्षा से उन्हें संस्कारित करना आज की आवश्यकता, विदुषी श्री माताजी,

विगत 10 दिनों से चल रहे संस्कार शिविर का आज होगा समापन,

एडिटर/संपादक/तनीश गुप्ता,खण्डवा

बच्चे संस्कारों के अभाव में भटक रहे हैं धर्म की शिक्षा से उन्हें संस्कारित करना आज की आवश्यकता, विदुषी श्री माताजी,

विगत 10 दिनों से चल रहे संस्कार शिविर का आज होगा समापन,

मात्र 10 दिनों में बच्चों ने सीखा देवदर्शन, पूजा, अभिषेक करना, कई वस्तुओं का किया त्याग,

खंडवा ।। संस्कार की प्रथम पाठशाला मां के गर्भ में ही प्रारंभ हो जाती है। इसलिए गर्भकाल में मां को सावधानी बरतनी चाहिए। अगर मां गर्भके समय टीवी, फिल्म, मोबाइल आदि का प्रयोग अधिक करती है तो बच्चों में गलत संस्कार प्रवेश करते हैं और यह समय यदि शास्त्रों का पठन पूजन भजन आदि धार्मिक क्रियाओं में बिताया गया हो तो बच्चों में अच्छे संस्कार आते हैं। ऐसे संस्कारित बच्चे ही वृद्ध अवस्था में मां-बाप की लाठी (सहारा) बनते हैं।
यह उपदेश सरावगी जैन धर्मशाला में आर्यिका विदुषी श्री माताजी ने बच्चों के संस्कार शिविर कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए दिये, समाज के सचिव सुनील जैन ने बताया कि समाज के बच्चों को धर्म और संस्कृति की शिक्षा से संस्कारित करने के लिए इन दिनों संस्कार शरीर का आयोजन चल रहा है, प्रतिदिन राजस्थान सांगानेर से पधारी साक्षी, गरिमा,देवांशी, आयुषी दिदीयो बच्चों एवं बड़ों को धर्म की शिक्षा का ज्ञान प्रदान किया जा रहा है, शनिवार को खंडवा में विराजमान विदुषी श्री माताजी संघ सहित धर्मशाला पहुंची और बच्चों को धर्म का उपदेश दिया, बच्चों एवं एवं उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए माताजी ने कहा कि नई पीढ़ी संस्कारों के अभाव में भटक रही है तथा वे गलत संगति में पड़ जाते हैं। बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं उन्हें जैसे संस्कार दिए जाते हैं वह उसी तरह ढल जाते हैं। जैसे मिट्टी से दीपक, घड़ा, हुक्का आदि भी बनते हैं और मिट्टी से ही भगवान की प्रतिमा बनती है,मिट्टी वही है जो पूज्य बनती है। इसी प्रकार बच्चों में से ही कोई चोर, डाकू, डॉक्टर, इंजीनियर तो कोई इन्हीं बच्चों में से संत महात्मा भी बनता है। मात्र संस्कारों का ही अंतर है। सुनील जैन, प्रेमांशु चौधरी ने बताया कि आयोजित संस्कार शिविर में सरावगी जैन समाज के अध्यक्ष दिलीप पहाड़िया,वीरेंद्र भटयांण,विजय सेठी,कैलाश पहाड़िया,कांतिलाल जैन,पंकज सेठी,अविनाश जैन,प्रेमांशु चौधरी, सुनील जैन,रोहन सेठी,भरत जैन,संजय जैन,अतुल जैन,मनीष जैन सहित समाजजन एवं बच्चे उपस्थित थे।

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