
मौसम परिवर्तन का स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। बदलते मौसम में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे H1N1 संक्रमण (स्वाइन फ्लू), निमोनिया, खांसी, सर्दी-जुकाम और एलर्जी जैसी बीमारियां हो सकती हैं। डॉ. हेमंत कुमार, जो बस्तर संभाग के सुसज्जित लैब के संचालक हैं, ने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
डॉ. हेमंत कुमार के अनुसार, प्रदूषित वायु में बैक्टीरिया और वायरस तेजी से फैलते हैं, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। विशेषकर धूल और गंदगी के कारण सांस संबंधी दिक्कतें बढ़ जाती हैं। वहीं, दूषित जल से भी अनेक बीमारियां फैलती हैं, जिनमें पीलिया, हेपेटाइटिस A, हेपेटाइटिस E और टाइफॉइड प्रमुख हैं। उन्होंने नागरिकों से उबला और शुद्ध पानी पीने की अपील की है, जिससे जलजनित रोगों से बचाव किया जा सके।
होली के दौरान त्वचा और श्वसन तंत्र पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। डॉ. कुमार ने लोगों से हर्बल गुलाल के उपयोग की सलाह दी है, जो प्राकृतिक फूलों से बने होते हैं और त्वचा के लिए सुरक्षित होते हैं।