
*सिंदेवाही का ब्रिटिश कालीन बगीचा जीर्णोद्धार के प्रतीक्षा में*
*वहाबअली सैय्यद सिंदेवाही*
सिंदेवाही तहसील में ब्रिटिश शासन के दौरान कुछ स्थानों पर विश्राम गृह और वायरलेस क्वार्टर बनाए गए थे. वे अब खंडार में तब्दील हो चुके हैं. सिंदेवाही सिंचाई विभाग के अधिकार क्षेत्र में सिंदेवाही तहसील में विश्राम गृह का निर्माण 1932 में ब्रिटिश शासन द्वारा किया गया था. इस विश्राम गृह की ओर ध्यान न देने के कारण जीर्ण हो गया है. सिंदेवाही घोड़ाझरी सिंचाई उपविभाग के उपयोगी भाग्य अधिकारी का निवासस्थान भी जीर्ण हो चुका है. कई वर्षों से अंनदेखी होने के से उपयोग भाग्य निवास स्थान और कार्यालय के साथ ही साथ साफ सफाई की अपेक्षा के कारण निवास स्थान के आसपास गंदगी निर्माण हो गई है. सिंदेवाही तहसील. में ब्रिटिश शासन में यह एकमात्र आकर्षित व सुंदर सरकारी निवास स्थान था. यह निवास स्थान 145-150 वर्षा से अधिक वर्ष पुराना है. इस अवधि के दौरान घोडाझरी विभिन्न काम किए गए थे .ब्रिटिश कालीन अधिकारी चालू कामों को देखने के लिए सिंदेवाही मुख्यालय में रुकते थे. वह सिंदेवाही से घोड़ा गाड़ी की सवारी करते थे. निवास स्थान के पीछे घोड़े को बढ़ने के लिए व्यवस्था की गई थी. साथी निवास स्थान व कार्यालय के आगे बगीचा निर्माण किया गया था. अब यह ब्रिटिश कालीन निवास स्थान ,बगीचा जर्जर हो चुका है.के आगे ब्रिटिश शासन में सन 1914 काबुल से हजरत बाबा अल्लाउद्दीन र. अ. नमक इंजीनियर सिंदेवाही तबादला हुआ था. घोड़ाझरी,आसोलामेंढा़, नलेश्वर तालाब का प्लांटेशन इसी इंजीनियर ने बनवाया था.
30 वर्ष पूर्व इस निरीक्षण गृह में मुख्यमंत्री मंत्री सांसद विधायक और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी इस निवास स्थान पर रहा करते थे. लेकिन आप सिंचाई विभाग ने उसे निरीक्षण गृह में अप विभागीय कार्यालय बना लिया है. आखिर निरीक्षण गृह (विश्राम गृह) बंद कर दिया गया है.
एक समय में इस निरीक्षण गृह और उद्यान पिकनिक स्थल था. कई स्कूल अपने छात्रों को भ्रमण पर लेट थे शिक्षक छात्रों को यह परिचय देते थे कि इस बगीचे में विभिन्न प्रकार के फूल और जड़ी बूटियां हैं. ब्रिटिश ब्रिटिश शासन के बगीचे की अपेक्षा के कारण नष्ट के कगार पर है,रखरखाव के आभाव में यह उद्यान जीर्ण हो गया है. लेकिन यह बगीचा आज भी ब्रिटिश काल की याद दिलाता है. कब होंगा जीर्णोद्धार नागरिक प्रतीक्षा मे है.