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कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर शुक्रवार को गढ़मुक्तेश्वर के हर की पौड़ी सहित विभिन्न घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने स्नान किया।

आज हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं में स्रान किया। विभिन्न प्रांतो से आया श्रद्धालुओं का कहना है कि कार्तिक पूर्णिमा साल की सबसे बड़ी पूर्णिमा होती है और आज के दिन स्रान करने से जहां साल की सभी पूर्णिमाओं के स्रान का फल मिलता है वही पूरे कार्तिक मास में जो लोग स्रान नहीं कर पाते हैं आज के दिन स्रान करने से उन्हें पूरे कार्तिक मास के स्रान का फल प्राप्त होता है।

श्रद्धालुओं का यह कहना है कि कार्तिक पूर्णिमा को स्रान दान एवं पितरों के निमित्त ंिपडदान एवं पूजा कर्म करने से जहां आवश्यक फल की प्राप्ति होती है, वहीं पूर्वजों को मोक्ष मिलता है और घर में सुख शांति रहती है श्रद्धालुओं ने कहा कि उन्हें कार्तिक पूर्णिमा स्रान करके जहां आत्मिक शांति मिली है वहीं आनंद की भी प्राप्ति हुई है ’

जो लोग आज के दिन स्रान के साथ भगवान विष्णु एवं तुलसी की पूजा करते हैं उन्हें विशेष फल की प्राप्ति होती है। आज के दिन दीपदान का भी विशेष महत्व है। शाम में लोगों को दीपदान करना चाहिए और अपने पूर्वजों के मोक्ष की कामना के साथ उन्हें जल अर्पित करना चाहिए, इससे पूर्वजों को तृप्ति मिलती है और उनका आशीर्वाद मिलता है ।

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