
मेरे संस्कृति मेरी पहचान अंर्तगत भैसासुर धर्म शक्ति संगठन डुलिया द्वारा ठाटिया सम्प्रदाय गायकी सम्प्रदाय जों की राजगोंड समाज कहलाते हैं,उन्होंने अपनी पहचान और संस्कृति को आज भी जीवित रखा है,जों कि बैतूल जिले के दामजीपुरा परिक्षेत्र में आता है, जहां आज भी यह लोक संस्कृति प्रचलित है,जहां नाच गाना ढोल नागड़ा बचाकर मेले में भैसासुर महाराज
के नाम पर सामुहिक नृत्य वाद्ययंत्र बांसुरी ढोल बजा कर इस समुदाय के लोग शक्ति प्रदर्शन करते हैं,एवं दुकानदारों से मिठाई पैसे जों भी मिला स्वीकार करते हैं,यह शक्ति प्रदर्शन सदियों से इस क्षेत्र में प्रचलित है,जों कि इस क्षेत्र की संस्कृति की मुख्य पहचान है,जों विशेष कर दीपावली के अवसर पर शक्ति प्रदर्शन किया जाता हैं,
भैसासुर धर्म शक्ति संगठन डुलिया
त्रिलोक न्यूज रिपोर्टर राहुल उईके बैतूल मध्यप्रदेश 461441