बिहार में एक सप्ताह से अधिक समय में पुल ढ़हने की अपनी तरह की चौथी घटना में बृहस्पतिवार को किशनगंज जिले में एक और पुल गिर गया। किशनगंज के जिलाधिकारी तुषार सिंगला ने कहा कि बहादुरगंज प्रखंड में स्थित यह पुल 70 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा था।उन्होंने कहा,” यह पुल 2011 में कनकई नदी को महानंदा से जोड़ने वाली एक छोटी सहायक नदी मड़िया पर बनाया गया था। नेपाल में जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण जल स्तर अचानक बढ़ गया है। पुल के खंभों में से एक तेज धारा का सामना नहीं कर सका।” सिंगला जी ने बताया कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।उन्होंने बताया कि मरम्मत कार्य के दौरान किसी भी प्रकार की आवाजाही को रोकने के लिए पुल के दोनों छोर पर ‘बैरिकेडिंग’ (अवरोधक लगाना) की गई है।
बिहार में पिछले सप्ताह अररिया, सिवान और अररिया जिलों से पुल ढ़हने की तीन घटनाएं सामने आई हैं। पिछले कुछ वर्षों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में इसी तरह की कई घटनाएं हुई हैं पर इनमें कोई हताहत नहीं हुआ है। हालांकि इन घटनाओं से राज्य में सरकारी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं।*
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