बैतूल :- शा.क.; 1550 से 1564 तक गढ़ा राज्य की शासक महारानी थीं। उनका विवाह गढ़ा राज्य के राजपूत राजा दलपत शाह से हुआ था , जिसे गोंड राजा संग्राम शाह ने गोद लिया था। उन्हें मुगल साम्राज्य के खिलाफ अपने राज्य की रक्षा के लिए याद किया जाता है उन्होंने 52 युध्द लड़े उन्होने 51 युध्द में विजय प्राप्त कि थी उसके बाद विद्रोहियों के हाथ लगने पर उन्होंने उनके हाथ लगने से पहले ही 24 जून 1564, 39 वर्ष की उम्र में अपने हाथों से अपना बलिदान दे दिया, उनके बलिदान दिवस पर पेसा एक्ट के जिला टीम ने वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर उन्हे याद करते हुए उनके स्मारक पर फूल माला चड़ाकर उनके सहादत दिवस पर सभा गृह में बैठक के माध्यम से पेसा मोबीलाइजरों की बैठक का आयोजन किया जिसमें ग्राम स्तर पर जनजातीय वर्ग को कैसे जागरूक करना है ,उनकी समस्याओ को हमे समझना कैसे है,उन्हे उनके मूल भूत सुविधाओ की जानकारी देने के लिए पेसा ऐक्ट जिला समन्वयक श्री सुखदेव उईके ने समस्त मोबीलाइजरों को मार्ग दर्शित किया एवं साथ ही अपने पंचायत स्तर में पेसा ऐक्ट को जमीनी स्तर पर उतारने के लिए हमे लोगो के बीच जाना होगा जिससे जनजातीय समाज को पेसा के बारे में पता होगा |
पेसा ऐक्ट के मोबीलाइजरों ने भी ग्राम स्तर पर पेसा को जमीनी स्तर पर पहुचाने के लिए पूरा सहयोग देने का वादा किया ,जिसके बाद समस्त मोबीलाइजरों ने वर्चुअल बैठक कि जिसमें जिला टीम में जिला समन्वयक श्री सुखदेव उईके , भीमपुर ब्लॉक समन्वयक श्री शंकर चौहान भैंसदेही ब्लॉक समन्वयक श्री दिनेश बारस्कर , शाहपुर ब्लॉक समन्वयक श्री लाबू चिल्हाटे ,घोड़ाडोंगरी ब्लॉक समन्वयक श्री छोटू उईके ,चिचोली ब्लॉक समन्वयक रिंकू परते शिवशंकर देवांश ,पेसा मोबीलाइजर संघ जिला अध्यक्ष सारिका भूसुमकर , लोकेश मोर्से ,संजय धुर्वे ,शिवदीन धुर्वे ,राजेश आहके ,उमेन्द्र यादव ,सोनू पाल ,मोना चौरे ,पूजा इवने ,युवा समाजसेवी धनराज ताड़ीलकर अरुणा धुर्वे, एवं अन्य साथीगण रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर उपस्थित रहे |