मीठी नदी में फ्लड गेट लगाने के काम को मिलेगी रफ्तार, कुर्ला, माहिम से लेकर मरीन ड्राइव तक के इलाके को फायदा होगा।
महाराष्ट्र: वर्ष 2005 में आई बाढ़ के बाद मुंबई में मीठी नदी के पुनरुत्थान के लिए बीएमसी ने योजना बनाई थी।दो साल पहले बीएमसी ने बाढ़ की स्थिति से बचने के लिए मीठी नदी पर 28 फ्लड गेट बनाने का निर्णय लिया था।
मीठी नदी में फ्लड गेट लगाने के काम को मिलेगी रफ्तार, कुर्ला, माहिम से लेकर मरीन ड्राइव तक के इलाके को फायदा होगा।
मुंबई/महाराष्ट्र: वर्ष 2005 में आई बाढ़ के बाद मुंबई में मीठी नदी के पुनरुत्थान के लिए बीएमसी ने योजना बनाई थी।दो साल पहले बीएमसी ने बाढ़ की स्थिति से बचने के लिए मीठी नदी पर 28 फ्लड गेट बनाने का निर्णय लिया था। इसके जरिए नदी के पानी को जगह-जगह से खोल कर बाढ़ जैसी स्थिति से बचाव होगा। बीएमसी प्रशासन ने अब इसका टेंडर जारी किया है। इस प्रॉजेक्ट पर 2000 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि टेंडर भरने की आखिरी समय सीमा 30 अप्रैल तक है। बारिश के बाद अक्टूबर से इसकाकाम शुरू होने की उम्मीद है। मीठी नदी के विकास के तीसरे चरण में आने वाले फ्लड गेट, सुरक्षा दीवार के कार्य किए जाने हैं। फ्लड गेट लगने से कुर्ला, जरी-मरी, सफेद पुल, बीकेसी, धारावी और एयरपोर्ट एरिया में बाढ़ जैसी स्थिति से राहत मिलेगी। बता दें कि मुंबईकरों को बाढ़ से बचाने के लिए मीठी नदी का विकास कार्य चार चरणों में किया जा रहा है।मीठी नदी के पहले चरण में पवई में फिल्टरपाडा से डब्ल्यूएसपी कंपाउंड तक 133 करोड़ रुपये के काम पूरे हो चुके हैं। दूसरे चरण में पवई में डब्ल्यूएसपी परिसर से कुर्ला में सीएसएमटी रोड तक, कुल 570 करोड़ रुपये की लागत से रिटेनिंग वॉल, सीवरेज चैनल सहित कार्य भी चल रहे हैं। तीसरे चरण में सीएसएमटी रोड कुर्ला से माहिम कॉजवे के बीच रिटेनिंग वॉल, सर्विस रोड, फ्लड गेट पंप, सौंदर्यीकरण, सीवरेज चैनल का निर्माण।चौथे चरण के तहत कुर्ला में मीठी नदी में गिरने वाले दो नालों के गंदे पानी को 6.5 किमी अंडर ग्राउंड टनल बनाकर धारावी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में लाया जाएगा। इस टनल के जरिए वर्ष 2051 तक 168 एमएलडी सीवरेज के पानी को धारावी ट्रीटमेंट प्लांट में भेजा जा सकेगा। यह टनल 2.6 मीटर व्यास की होगी। इस पर बीएमसी क़रीब 604 करोड़ रुपये खर्च करेगी। मीठी नदी से कचरा निकालने और अन्य कार्यों पर 1650 करोड़ से ज्यादा खर्च किए जा चुके हैं। महाराष्ट्र सरकार ने इस काम की एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं। 26 जुलाई, 2005 को मुंबई में मीठी नदी में बाढ़ आ गई थी, तब केंद्र सरकार ने इसके विकास और सुरक्षा के लिए सहायता की घोषणा की थी। एमएमआरडीए ने मीठी नदी के विकास में केंद्र से मांगी गई 417.51 करोड़ रुपये ख़र्च करने का दावा किया है। जबकि, बीएमसी 1239 करोड़ रुपये ख़र्च कर चुकी है।
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