
खैर में आईएएस प्रभांशु श्रीवास्तव को किया सम्मानित
जनता का सेवक बनकर करें कार्य तो मिलता है सम्मान
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खैर। वर्ष 2004 में खैर में एसडीएम रहे आईएएस कैप्टन प्रभांशु श्रीवास्तव का गुरुवार को महाबली कॉम्प्लेक्स में स्वागत सम्मान किया गया। इस दौरान उन्होंने अपनी प्रशासनिक नौकरी के अनुभव साझा किये।
उन्होंने कहा कि अधिकारी अफसर नहीं जनता का सेवक बनकर कार्य करें तो हर जगह सम्मान मिलता है। वह एसडीएम, एडीएम, सीडीओ से लेकर जिलाधिकारी के पद पर अनेक स्थानों पर रहे। इस दौरान उन्होंने खुद को हमेशा एक लोकसेवक (जनता का सेवक) मान कर ही कार्य किया। दिन हो या रात पीड़ित की समस्या का निदान करना ही उनकी प्राथमिकता रही। खासकर बुजुर्गों में उन्हें अपने माता पिता नजर आते थे। ऐसे लोग जब भी समस्या लेकर आते तो वह व्याकुल हो जाते। अधीनस्थों को मौके पर भेजना हो या स्वयं जाना पड़ा हो वह जाते और समस्या का स्थाई निदान करते। पूर्व डीएम ने कहा कि मेरा मानना है कि समस्या लेकर कार्यालय आने वाले लोगों से अधिकारी द्वारा मधुर संवाद किया जाए तो पीड़ित पचास प्रतिशत तक राहत महसूस करता है और फिर समस्या का समाधान भी सरलता से हो जाता है। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष पंकज रावत ने कहा कि प्रभांशु श्रीवास्तव से पिछले करीब 21 वर्षों से परिचय रहा। काफ़ी संवेदनशील प्रबुद्ध और व्यवहार कुशल व्यक्ति रहे हैं। अनेक लोगों के जीवन में बदलाव में उनकी अहम भूमिका रही। आईएएस अधिकारी द्वारा साझा किए गए अनुभव अक्सर प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक होते हैं। वे अपने करियर के दौरान आई चुनौतियों, सफलताओं और विभिन्न अनुभवों को साझा करते हैं। इन अनुभवों में अक्सर लोक प्रशासन, नीति निर्माण, और जमीनी स्तर पर काम करने के दौरान आने वाली कठिनाइयों और संतुष्टि का उल्लेख होता है। जिससे अन्य लोगों को प्रेरणा मिलती है। इस मौके पर ग्रोमोर के सीईओ अनीश अग्रवाल, एडवोकेट राजीव गौतम ने उन्हें पटका पहनाकर सम्मानित किया।