खरगोनमध्यप्रदेश

निजी क्लिनिको का पंजीयन कराना अनिवार्य

सीएमएचओ ने क्लिनिक संचालकों से कहा शीघ्र करालें पंजीयन

निजी क्लीनिकों का पंजीयन कराना अनिवार्य

 

सीएमएचओ ने क्लीनिक संचालकों से कहा शीघ्र करा लें पंजीयन

 

नागरिकों से भी किया आग्रह, पंजीयन प्रमाण पत्र दिखाई नहीं दे तो करें शिकायत

 

📝🎯 खरगोन से अनिल बिलवे की रिपोर्ट…मध्यप्रदेश उपचारगृह तथा रूजोपचार संबंधी संस्थाएं रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन अधिनियम 1973 के तहत मध्यप्रदेश में संचालित सभी निजी क्लीनिकों का पंजीकरण एवं अनुज्ञापन अनिवार्य है। पंजीयन ऐसे सभी निजी क्लीनिकों का कराना होगा जहाँ एलोपैथी चिकित्सा पद्धति अथवा आयुष चिकित्सा पद्धति या फिजियोथैरेपी चिकित्सा पद्धति से मरीजों को परामर्श दिया जा रहा है।

 

      मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एमएस सिसोदिया ने यह जानकारी देते सभी क्लीनिक संचालकों से कहा है कि यदि उन्होंने अपने क्लीनिक का पंजीयन नहीं कराया है तो यह प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करा लें। उन्होंने कहा कि क्लीनिक के पंजीयन के लिये उन्होंने एमपी ऑनलाइन पोर्टल के नर्सिंग होम क्षेत्र में आवेदन करना होगा।

 

      मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सिसोदिया ने क्लीनिक, तथा नर्सिंग होम और अस्पतालों की परिभाषा भी बताई है। उन्होंने बताया कि क्लीनिक वह स्थान होते हैं जहां केवल परामर्श सेवाएं दी जाती है और मरीज को भर्ती नहीं किया जाता, कोई चिकित्सा प्रक्रिया प्रोसीजर नहीं की जाती है और ना ही वहाँ बेड लगाए जाते हैं। इसी प्रकार नर्सिंग होम अथवा अस्पतालों में विभिन्न प्रकार की चिकित्सा प्रक्रिया की जाती हैं, मरीजों को भर्ती किया जाता है तथा वहाँ बेड की व्यवस्था होती है। सभी डे केयर क्लीनिक भी नर्सिंग होम की श्रेणी में आते हैं।

 

     डॉ. सिसोदिया ने बताया कि जिले में संचालित सभी निजी क्लीनिकों को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी खरगोन से एमपी ऑनलाइन के माध्यम से पंजीयन कराना आवश्यक है। जिन क्लीनिक का अब तकपंजीयन नहीं हुआ है, उनके संचालकों से कहा गया है कि वे एमपी ऑनलाइन के नर्सिंग होम क्षेत्र पोर्टल पर जाकर पंजीयन हेतु शीघ्र आवेदन करें।

 

        मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सिसोदिया ने बताया अस्पतालों या क्लीनिकों को पंजीयन हेतु आवेदन के साथ क्लीनिक का नक्शा, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की एनओसी, संचालक डॉक्टर की डिग्री और वैध रजिस्ट्रेशन, स्टाफ की शैक्षणिक योग्यताएं और रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र, यदि रेडियोलॉजी क्लीनिक है तो एईआरबी प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज संलग्न करना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही रेडियोलॉजिस्ट एवं पैथोलॉजिस्ट का स्टांप पेपर पर इस आशय का घोषणा पत्र भी पंजीयन के लिये आवेदन में संलग्न करना होगा जिसमें यह स्पष्ट हो कि वे एक समय में केवल एक ही केंद्र में कार्यरत हैं और किसी अन्य प्रयोगशाला या क्लिनिक में सेवाएं नहीं दे रहे हैं।

 

     डॉ. सिसोदिया ने नागरिकों से भी आग्रह किया है कि जब भी वे किसी क्लीनिक में जायें तो वहाँ उसका रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र जरूर देखें। इसके साथ ही यह भी देखें कि वह कब तक वैध है और किस प्रारूप में जारी किया गया है। नागरिकों से कहा गया है कि किसी क्लीनिक में रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र प्रदर्शित नहीं किया गया है या उपलब्ध नहीं है तो इसकी सूचना उन्हें दी जा सकती है। नागरिक जिला अस्पताल स्थित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर इसकी लिखित शिकायत दे सकते हैं। नागरिक चाहें तो यह जानकारी विभाग की आधिकारिक ईमेल आईडी cmhokhr@mp.nic.in पर भी भेज सकते हैं।

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