
मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार विदिशा में हुआ रंगाई स्थित हनुमान जी महाराज का सूर्य तिलक
अयोध्या के बाद भारत का पहला सूर्य तिलक है
दादाजी मनोकामना पूर्ण सिध्द श्री हनुमान मंदिर रंगाई धाम विदिशा में भोपाल रोड पर मां वेत्रवती (बेतवा) नदी के तट पर स्थित अति प्राचीन सिद्ध स्थान है।
• यह स्थान लगभग 500 वर्ष से अधिक प्राचीन है एवं श्री हनुमान जी महाराज यहां साक्षात विराजमान है। श्री दादाजी के नाम से प्रसिद्ध हनुमान जी महाराज की प्रत्यक्ष कृपा का अनुभव कई भक्त, स्थानीय और देश-विदेश के लोगों को हो चुका है, जिसके और भी कई प्रमाण है।
• “श्री दादाजी” जी नाम भी हनुमान जी ने स्वयं यहां विराजित महंत ‘श्री श्री 1008 महामंडेलश्वर श्री विशंभरदास जी रामायणी महाराज जी’ के स्वप्न में आकर प्रेरणा स्वरूप रख वाया है।
• यहां विराजित श्री गणेश जी महाराज की प्रतिमा मंदिर के समीप वेत्रवती (बेतवा) नदी से प्राप्त हुई थी, श्री गणेश जी महाराज ने एक व्यक्ति के स्वप्न में आकर इस प्रतिमा के बारे में स्वयं बताया था जिसके पश्चात नदी से गणेशजी की प्रतिमा प्राप्त हुई। ये प्रतिमा अपने आप में अनोखी एवं अद्वितीय है।
• इस स्थान पर निरंतर संत सेवा एवं भंडारे की सेवा चलती रहती है।