सीवन वाजिदपुर में यादगार मुशायरे का आयोजन, मशहूर शायरों ने समां बांधा
रुदौली (अयोध्या):
सीवन वाजिदपुर में सोमवार की शाम हज़रत क़ुतुब अली शाह की दरगाह पर आयोजित अजीमुश्शान मुशायरा साहित्य और संस्कृति के लिए एक यादगार आयोजन साबित हुआ। क्षेत्र की अज़ीम शख्सियतों की याद में आयोजित इस मुशायरे में देशभर के मशहूर शायरों ने अपने नायाब कलाम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुशायरे का शुभारंभ:
समाजसेवी मोहम्मद कसीम उर्फ लारा ने फीता काटकर मुशायरे का उद्घाटन किया। तिलावत-ए-क़ुरान पाक से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस आयोजन की अध्यक्षता उस्ताद शायर नसीर अंसारी ने की, जबकि संचालन हजीर लालपुरी ने किया। साहित्यकार डॉ. अनवर हुसैन खां ने सरपरस्ती की।
शायरों के बेहतरीन अशआर:
मुशायरे में शायरों ने अपने कलाम से दर्शकों का दिल जीत लिया।
इमरान अलियाबादी ने कहा:
“रोज करो पहचान कहां घर किसका है,
रोज लगाओ आग तुम्हें डर किसका है।”
नसीर अंसारी बाराबंकवी ने फरमाया:
“मेरी खामोशी को कमजोरी मत समझो,
मैं सारे फैसले अल्लाह पर छोड़ देता हूं।”
सगीर नूरी ने दिल को छू लेने वाले अल्फ़ाज़ कहे:
“मुझको डर है के मां नाराज न हो जाए कहीं,
सर पर आँचल नहीं होता है तो डर लगता है।”
मुजीब रूदौलवी ,
“ये दौरे हवस है इस में ऐसा
भी क्या है, आदमी कम से
कम आदमी तो रहे।
अजीम अलियाबादी
ने कहा “हर तरफ बस्ती है
रहमते मदीने में बेशुमार
दी रब ने नियते मदीने में”
दर्शकों की भारी उपस्थिति:
मेहमान ए खुशीशी
डॉ अनवर हुसैन हाफिज
मोहम्मद नफीस ग्राम
प्रधान मोहम्मद उस्मान
अंसारी मास्टर उज़ ैर
अहमद, मैनेजर मोहम्मद
सुल्तान, सबकतउल्लाह
नेता,गुलजार अहमद
मुशायरे में आस-पास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और शायरों की हौसला-अफ़ज़ाई की। आयोजन के अंत में सभी शायरों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के आयोजक मोहम्मद कसीम उर्फ लारा ने इसे सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
यह मुशायरा साहित्य और सामुदायिक भावना का अद्भुत संगम बन गया, जिसे क्षेत्र के लोग लंबे समय तक याद रखेंगे।