एडिटर/संपादक-तनीश गुप्ता✍️
खंडवा ।। साधु संत चलते-फिरते तीर्थ समान होते हैं, 4 महीने तक दादाजी की खंडवा नगरी में आचार्य विनम्र सागर महाराज के परम शिष्य मुनि श्री विनत सागर एवं विश्वमीत सागर महाराज जी ने अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से धर्म की प्रभावना और सामाजिक बंधुओ एवं युवाओं के मन में धर्म के प्रति प्रेम जागृत कर निमाड़ के सिद्ध क्षेत्र बावनगजा तीर्थ के लिए विहार किया, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया मुनि संघ द्वारा चातुर्मास के दौरान धर्म के अलग-अलग कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये, जिसमें महत्वपूर्ण रूप से खंडवा नगर में पहली बार 48 दीवसीय भक्तांबर शिविर का भव्य आयोजन सफल हुआ, खंडवा से विहार के एक दिन पूर्व जैन धर्मशाला में पीछि परिवर्तन कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने उपस्थित होकर पुण्य प्राप्त किया, शुक्रवार को बजरंग चौक स्थित महावीर दिगंबर जैन मंदिर में प्रवचन के पश्चात मुनी संघ का विहार हुआ, मुनि संघ रविवार को बरुड ग्राम पहुंचा, बरुड में मुनि श्री विनत सागर जी महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि बड़े पुण्य कर्म से हमें मानव जीवन प्राप्त हुआ है, मानव जीवन को सार्थक बनाने के लिए हमें अपने जीवन का कुछ समय देव,शास्त्र, गुरु के चरणों में अर्पित करना चाहिए, ताकि हमारा यह जीवन सफल हो सके, जीवन जीने की कला हम भगवान श्री राम के प्रसंगो से सीख सकते हैं, भगवान श्री राम एक एक प्रसंग को हमने यदि जीवन में धारण कर लिया तो हमारा मनुष्य भव सफल हो जाएगा, समाज के सचिव सुनील जैन ने बताया कि मुनिश्री ने भक्त को परिभाषित करते हुए हनुमान जी का उदाहरण भी प्रस्तुत किया, ग्राम बरुड में मुनी संध के पहुंचने पर ग्राम वासियों ने स्वागत व अभिनंदन किया, मुनी संध की आहारर्चया प्रतीक पवन गदीया एवं गौरव अंकित प्रकाश गदीया परिवार के यहां संपन्न हुई, बरुड से मुनिसंघ दोपहर विहार कर रात्रि विश्राम के लिए ग्राम पुनासला पहुंचा, सोमवार को मुनिसंघ विहार करते हुए भीकन गांव पहुंचेगा,