
सिद्धार्र्थनगर। एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन) ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में फैक्लटी पूरी नहीं होने पर जुर्माना लगाया है। इसमें जिले के माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज पर भी दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही कार्य में सुधार के लिए दो माह की मोहलत दी है। फिर जांच में मानक पूरा नहीं मिला तो जुर्माना की राशि बढ़ाई जा सकती है। टीम की जांच में नामक पूरा नहीं पाए जाने पर यह कार्रवाई की गई है।इसके साथ ही चौथे बैच के संचालन की अनुमति प्रदान की है।
प्रदेश के मेडिकल कॉलेज एमएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन) के गाइडलाइन के अनुसार संचालित होते हैं। टीम की ओर से इसमें बेहतरी के लिए समय-समय पर जांच की जाती है। दी गई सुविधाएं मौजूद हैं या नहीं और अन्य सुविधाएं क्या-क्या बढ़ाई जा सकती हैं। इसके अलावा फैक्लटी पर भी जानकारी लेती। टीम की ओर से कुछ माह पहले माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में आकर संचालन से जुड़ी जानकारी के साथ ही फैक्लटी आदि के बारे में जांच करके रिपोर्ट ले गए थेे। इस रिपोर्ट के बारे में एक बार चर्चा भी हुई थी। इसमें टीम ने एक साथ पूरे प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में की गई जांच और दिए गए रिपोर्ट के अनुसार सुविधाएं नहीं मिलने पर जुर्माना लगाया है। जिले के माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में फैक्लटी पूर्ण नहीं होने पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही दो माह मानक पूरा करने के लिए कहा है। इसके साथ ही चौथे बैच के संचालन की अनुमति प्रदान की है। मेडिकल कॉलेज के जानकारों के मुताबिक एनएमसी की ओर से एक साल में एक करोड़ रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
मेडिकल कॉलेज में फैक्लटी का मानक पूर्ण नहीं होने की स्थिति में दो लाख रुपये का जुर्माना एनएमसी ने लगाया है। समयसीमा के भीतर मानक पूर्ण करने की कोशिश की जा रही है। चौथे बैच के संचालन की अनुमति प्रदान की है।