बेतिया:- बिहार:- से अहमद राजा खान कि रिपोर्ट
12/03/2024
रमजान इस्लामिक कैलेंडर का अति महत्वपूर्ण महीना माना जाता, बच्चे भी कर रहे हैं रोजा
शिवहर- मंगलवार से ही पाक -ए-माह रमजान शुरू हो गया है। बरकतों के माह रमजान के दौरान पूरे एक माह तक मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे दिन उपवास पर रहकर खुदा की बंदगी करेंगे वहीं शाम को नमाज के बाद रोजा खोलेंगे।
रमजान इस्लामिक कैलेंडर का अति महत्वपूर्ण महीना माना जाता है, क्योंकि इसी पाक महीने में कुरान शरीफ नाजिल हुई। इस्लाम मजहब सामाजिक बराबरी का संदेश देता है। समाज के निर्धन और असहाय गरीब और मजदूर लोगों को मदद करने का उपदेश दिया गया है ,इसके लिए धनवान लोगों पर जकात अनिवार्य और सदका वाजिब किया गया है इसलिए रमजान के महीने में जकात और फितरा गरीबों में बांटा जाता है, ताकि निर्धन लोग भी अपनी ईद अच्छी तरह से खुशी के साथ मना सके।
पैगंबर साहब ने भी फरमाया है कि जो व्यक्ति दूसरे पर रहम नहीं करता उसे पर अल्लाह भी रहम नहीं करता यह उपदेश मानव कल्याण के लिए दिया गया है। इस्लाम धर्म में दान देते समय या किसी भी मदद करते समय किसी खास धर्म की अनिवार्यता नहीं है ।इस्लाम धर्म के मानने वाले के लिए यह अनिवार्य हो जाता है कि वह इस्लाम के असल संदेश और उपदेश की रोशनी में अपना आचरण पेश करें ताकि अन्य धर्मालंबी इस्लाम के मजहबी एवं अखलाक विशेषताओं से अवगत हो सके।
डुमरी कटसरी प्रखंड क्षेत्र के उमेद छपरा निवासी मो हसनैन की 5 पुत्री के द्वारा पहला रोजा रखकर एक मिसाल पेश की गई है तथा इस रमजान में उक्त बच्ची के द्वारा सच्चा धर्म , नेकियां कमाने का जो उदाहरण पेश किया गया है हम सब के लिए अतुलनीय है, तथा नई संदेश मिल रहा है।
प्रेम शंकर कुमार