Uncategorizedअम्बालाताज़ा ख़बरेंहरियाणा

SKM ने रिजेक्ट किया सरकार का प्रस्ताव

SKM ने रिजेक्ट किया केंद्र सरकार का प्रस्ताव, किसान नेता बोले- इसका मकसद किसानों की मांग को कमजोर करना किसान नेता दर्शन पाल ने कहा है कि सरकार इस प्रस्ताव के जरिए किसानों की मांग को कमजोर करना चाहती है।SKM ने सरकार के प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया है ।
संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा वह संगठन है, जिसने साल 2020-21 में दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुए आंदोलन को लीड किया था। इस बार किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है। अब तक इन दोनों संगठनों द्वारा सरकार के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
केंद्रीय मंत्रियों ने रविवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं को बातचीत में सहकारी समितियों एनसीसीएफ (भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित) और नाफेड (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ) को MSP पर दालें खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करने का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रियों ने भारतीय कपास निगम द्वारा MSP पर कपास की फसल खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करने का प्रस्ताव दिया गया है।
SKM नेशनल कॉर्डिनेशन कमेटी के मेंबर डॉ. दर्शन पाल ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हालांकि हम मंत्रियों के साथ चल रही बातचीत का हिस्सा नहीं हैं लेकिन सरकार का प्रस्ताव सभी किसानों पर लागू होता है। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि सरकार के प्रस्ताव के मकसद किसानों की मुख्य मांगों को भटकाना और कमजोर करना है। उन्होंने पांच फसलें मक्का, कपास, अरहर/अरहर, मसूर और उड़द दाल MSP पर खरीदने का प्रस्ताव दिया है। यह प्रस्ताव पंजाब केंद्रित मालूम पड़ता है… बाकी देश के किसानों का क्या?
सभी 23 फसलों पर देनी चाहिए MSP घोषित
उन्होंने आगे कहा कि SKM मानता है कि एमएसपी स्वामीनाथन वाले C2 50 फॉर्मूले के आधार पर होनी चाहिए और यह सभी फसलों पर लागू होनी चाहिए। कम से कम उन्हें उन सभी 23 फसलों के लिए यह देना चाहिए, जिसके लिए उन्होंने MSP घोषित की है। इसके अलावा, डेयरी और अन्य कृषि उद्योगों को भी MSP के तहत लाया जाना चाहिए। हिमाचल प्रदेश ने कुछ दिन पहले दूध पर MSP घोषित की थी।
किसान आंदोलन: क्या है सरकार का MSP से जुड़ा 5 साल का प्रस्ताव? किसान संगठन आज लेंगे बड़ा फैसला
उन्होंने आगे कहा कि SKM मानता है कि एमएसपी स्वामीनाथन वाले C2 50 फॉर्मूले के आधार पर होनी चाहिए और यह सभी फसलों पर लागू होनी चाहिए। कम से कम उन्हें उन सभी 23 फसलों के लिए यह देना चाहिए, जिसके लिए उन्होंने MSP घोषित की है। इसके अलावा, डेयरी और अन्य कृषि उद्योगों को भी MSP के तहत लाया जाना चाहिए। हिमाचल प्रदेश ने कुछ दिन पहले दूध पर MSP घोषित की थी।
ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह भग्गू ने कहा कि अगर मोदी सरकार अपने वादे पूरा नहीं कर पा रही है तो पीएम मोदी को ईमानदारी से यह लोगों को बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसानों ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया तो इससे केंद्र सरकार को पंजाब में धान और गेहूं की खरीद न करने का बहाना मिल जाएगा।

Show More
Back to top button
error: Content is protected !!