
राधा कृष्ण कुंज गांव आंतरौली कलां में आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में शनिवार को व्यास पीठ से कथावाचक पूज्य श्री पुरषोत्तम जी दाधीच ने व्यासपीठ से कहा कि सर्वेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज में अनेकानेक बाल लीलाएं कीं, जो वात्सल्य भाव के उपासकों के चित्त को अनायास ही आकर्षित करती हैं। जो भक्तों के पापों का हरण कर लेते हैं, वही हरि हैं। पंडित दाधीच कथा के माध्यम से समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने पर भी जोर देते हैं। कथा व्यास ने बताया कि सर्वेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज में अनेकानेक बाल लीलाएं की, जो वात्सल्य भाव के उपासकों के चित्त को अनायास ही आकर्षित करती हैं। जो भक्तों के पापों का हरण कर लेते हैं, वही हरि हैं। भगवान की महारास लीला इतनी दिव्य है कि स्वयं भोलेनाथ उनके बाल रूप के दर्शन करने के लिए गोकुल पहुंच गए। मथुरा गमन प्रसंग में अक्रूर जी भगवान को लेने आए। जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा जाने लगे समस्त ब्रज की गोपियां भगवान कृष्ण के रथ के आगे खड़ी हो गई। कहने लगी हे कन्हैया जब आपको हमें छोड़कर ही जाना था तो हम से प्रेम क्यों किया। गोपी उद्धव संवाद, श्री कृष्ण एवं रुक्मणि विवाह उत्सव पर मनोहर झांकी प्रस्तुत की गई। कथा के बीच बीच अपने सुमधुर भजनों से भक्तों को नाचने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर मुख्य यजमान बाबूलाल जी दुर्गा लाल जी जुगल किशोर जी बलबीर जी महावीर जी सहित बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे। कल रविवार को भागवत कथा का हवन पूर्णाहुति के साथ कथा का समापन होगा।