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संघ के शताब्दी वर्ष पर निकला नगर में ऐतिहासिक पथ संचलन, पुष्पवर्षा कर शहर वासियों ने किया।

हिंसक आंदोलन से परिवर्तन नहीं आता परिवर्तन के लिए लोकतांत्रिक पद्धति से कार्य करने की आवश्यकता हें, ,,प्रवीण जी गुप्त,,

संघ के शताब्दी वर्ष पर निकला नगर में ऐतिहासिक पथ संचलन, पुष्पवर्षा कर शहर वासियों ने किया।

हिंसक आंदोलन से परिवर्तन नहीं आता परिवर्तन के लिए लोकतांत्रिक पद्धति से कार्य करने की आवश्यकता हें, ,,प्रवीण जी गुप्त,,

खंडवा।। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 साल पूरे होने पर खंडवा नगर में विशाल पथ संचलन निकला। स्थानीय नॉर्मल स्कूल ग्राउंड से निकले पथ संचलन में हजारों की संख्या में स्वयंसेवक शामिल हुए। इस दौरान सबसे पहले स्वयंसेवकों ने योग अभ्यास का प्रदर्शन किया। इसके बाद आयोजन में उपस्थित अतिथियों ने अपना उद्बोधन दिया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ सुभाष जैन ने कहा कि संघ को अब पूरी दुनिया में स्वीकार किया जाने लगा हैं। संघ से जुड़कर मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ।

मुख्य वक्ता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख प्रवीण जी गुप्त ने राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के सामने स्वयंसेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि राष्ट्र के हर कार्य को स्वयंसेवक अपना कार्य समझकर संपन्न करता है। स्वयंसेवक को किसी आमंत्रण–निमंत्रण की आवश्यकता नहीं होती है। वह राष्ट्रहित के लिए सदैव तत्पर होता है और यही विगत 100 वर्षों से संघ की परंपरा रही है जिसका निर्वहन हम सभी करते आ रहे हैं। संघ का शताब्दी वर्ष पूर्ण हो गया है। इस दौरान संघ को यहां तक पहुंचाने में असंख्य स्वयंसेवकों ने कड़ी तपस्या की है, जिनके पुरुषार्थ से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्र विरोधी शक्तियों के सामने विराट रूप में खड़ा है।

उन्होंने कहा कि देश तोड़ने के षड्यंत्रों से लड़ने का एक मात्र विकल्प हिंदू समाज का बलसंपन्न , शील संपन्न, संगठित , जागरूक एवं सक्रिय होना हैं। ये देश की एकता, एकात्मता, विकास और सुरक्षा की गारंटी हैं।

समाज के आचरण में सहज परिवर्तन के लिए संघ के शताब्दी वर्ष में सामाजिक समरसता, पर्यावरण, स्वदेशी , नागरिक कर्तव्य बोध एवं कुटुंब प्रबोधन जैसे विषयों पर संघ कार्यकर्ता वर्ष भर कार्य करेंगे।

विश्व के कल्याण के लिए अब शक्तिसंपन्न होकर अपनी सीमाओ को लांघकर आगे आकर कार्य करने की आवश्यकता हैं।

वर्तमान परिपेक्ष्य में उन्होंने कहा कि हिंसक आंदोलनों से परिवर्तन नहीं आता , परिवर्तन के लिए लोकतांत्रिक पद्धति से कार्य करने की आवश्यकता हैं।

बाहर से सामान्य सी दिखने वाली शाखा व्यक्ति निर्माण की ऐसी कार्यशाला हैं जो राष्ट्र के लिए व्यक्तिनिष्ठ नहीं तत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओ का निर्माण करती हैं। संघ की शाखाओं से इस प्रकार के कार्यकर्ता निर्माण होते हैं जो ना कभी झुकते है , ना कभी थकते हैं , ना कभी रुकते हैं और ना ही कभी बिकते हैं।
समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि अतिथि उद्बोधन होने के बाद, खंडवा नगर के प्रमुख मार्गों पर अनुशासन से ओतप्रोत ऐतिहासिक संघ का पथ संचलन शुरू हुआ। जो द्विधारा यानी कि दो भागों में विभाजित होकर निकला। दोनों ही संचलन शहर के अलग-अलग प्रमुख चौक–चौराहों से होते हुए केवल राम चौराहा पहुंचे। जहां पर दोनों धाराओं का संगम हुआ और एक संचलन के रूप में शहर के मुख्य मार्ग से होता हुआ वापस नॉर्मल स्कूल राउंड पहुंचा जहां संचलन का समापन हुआ। कार्यक्रम में सहयोग के लिए आभार नगर संघ चालक नवनीत अग्रवाल ने माना।

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