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श्री सम्मेदशिखर जैन धर्म को मानने वालों का प्रमुख सिद्ध तीर्थ स्थान है।

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श्री सम्मेदशिखर जैन धर्म को मानने वालों का प्रमुख सिद्ध तीर्थ स्थान है।

दिगंबर जैन सोशल ग्रुप द्वारा 8 दिवसीय तीर्थ क्षेत्र की की जा रही है वंदना।

ग्रुप के सभी सदस्यों की शिखर जी की वंदना भक्ति भाव से पूर्ण हुई।

खंडवा ।। जैन धर्मावलंबियों के लिए श्री सम्मेद शिखर तीर्थ क्षेत्र महान तीर्थ के रूप में माना गया है। यहां से जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों ने शिखर जी की पहाड़ी पहाड़ी से तप और तपस्या करते हुए मोक्ष पाया था। कहते हैं कि इस तीर्थ की वंदना से पापों का नाश होकर पुण्य की प्राप्ति होती है। बड़ी संख्या में तेज भर के सामाजिक बंधु क्षेत्र में पहुंचकर वंदना करते हैं समाज के सचिव सुनील जैन ने बताया कि हर्ष का विषय खंडवा दिगंबर जैन सोशल ग्रुप द्वारा आठ दिवसीय शाश्वत तीर्थ सम्मेदशिखर एवं पंचतीर्थ यात्रा का भक्ति भाव से आनंद आनंद यात्रा चल रही है, यात्रा में सभी ने सामूहिक पैदल 27 किलोमीटर की सम्मेदशिखर तीर्थ की पूजा वंदना की भक्ति की आरती का लाभ लिया। सत्ताईस किलोमीटर लंबी पर्वत श्रंखला की पद वंदना की धकान के बावजूद सदस्यों ने सम्मेदशिखर के तलहटी के लगभग 25 मंदिरों के दर्शन कर चमत्कारी मुलनायक पार्श्वनाथ की महाआरती का लाभ लिया। ग्रुप के सभी सदस्यों की शिखरजी की वंदना करने के पश्चात आसपास के राजगीरी, मंदार गिरी, चंपापुर, पावापुर व अन्य तीर्थ की वंदना की जा रही है। समाज के सचिव सुनील जैन ने बताया की श्री सम्मेद शिखरजी तीर्थ भारत के झारखंड राज्य के गिरिडीह ज़िले में छोटा नागपुर पठार पर स्थित मधुबनी एक पहाड़ी है जो विश्व का सबसे महत्वपूर्ण जैन तीर्थ स्थल भी है। ‘श्री सम्मेत् शिखर जी’ के रूप में चर्चित इस पुण्य क्षेत्र में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की।
सम्मेद शिखर जैन धर्म को मानने वालों का एक प्रमुख तीर्थ स्थान है। यह जैन तीर्थों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। जैन धर्मशास्त्रों के अनुसार जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों और अनेक संतों व असंख्य मुनियों ने यहाँ मोक्ष प्राप्त किया था।

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