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*दर्द भरे नग्मों के देवता मुकेश को जन्मदिन पर गीतों के माध्यम से किया गया याद*

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*दर्द भरे नग्मों के देवता मुकेश को जन्मदिन पर गीतों के माध्यम से किया गया याद*

खंडवा। आवारा हूँ या गर्दिश में आसमान का तारा हूँ, मेरा जूता है जापानी फिर भी है दिल है हिन्दुस्तानी… , आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूं..,मुबारक हो सबको समां ये.., सुहानी चाँदनी रातें हमें सोने नहीं देती… आदि जैसे दर्द भरे गीतों ने हिन्दुस्तान ही नहीं विदेशों में भी धूम मचाने वाले पार्श्व गायक स्वर मुकेश को जन्मदिन पर सदभावना मंच के सुर साधकों ने कराओके के माध्यम से गीतों को गुनगुना कर याद किया। इस मौके पर मालीकुआं स्थित मंच कार्यालय पर संस्थापक प्रमोद जैन एवं उपस्थित सदस्यों व्दारा मुकेश जी के चित्र पर माल्यार्पण की गई। इस संगीत महफिल पर मंच के स्वर साधकों ने स्व. मुकेश जी के अनेक गीतों को अपने स्वर से कराओके के माध्यम से गाकर वातावरण को सजीव कर दिया। इस मौके पर संस्थापक प्रमोद जैन, पूर्व डीएसपी आनंद तोमर, डा. जगदीशचंद्र चौरे, सुरेंद्र गीते, ओम पिल्ले, गणेश भावसार, एनके दवे, राधेश्याम शाक्य, अशोक पारवानी, निर्मल मंगवानी, मुरली कोडवानी, राजेश पोरपंथ, अर्जुन बुंदेला, दिलीप गंगराडे, मनीष गुप्ता, कैलाश पटेल, सुभाष मीणा, सुरेश मालवीय आदि सदस्यों ने गीतों को गाकर याद किया।

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