
जिला बदायूं थाना कादरचौक में तैनात दरोगा पर नाबालिग से थाने में दुष्कर्म का आरोप, तमिलनाडु से बरामद लड़की ने कोर्ट में किया खुलासा, एसएसपी ने जांच के दिए आदेश बदायूॅं कादरचौक थाना में तैनात एक दरोगा पर नाबालिग लड़की से थाने के भीतर दुष्कर्म करने का सनसनीखेज आरोप सामने आया है। पीड़िता ने यह आरोप कोर्ट में कलमबंद बयान देकर लगाए हैं, जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।आरोप के मुताबिक, पीड़िता को तमिलनाडु से अपहरणकर्ता के साथ बरामद करने के बाद दरोगा ने उसे थाने में रुकवाया और उसी रात अपने कमरे में बुलाकर दुष्कर्म किया। आरोपी दरोगा की पहचान हरिओम के रूप में हुई है, जो अब शाहजहांपुर स्थानांतरित किया जा चुका है। घटना की जानकारी पर एसएसपी डॉ. ब्रजेश सिंह ने एसएसओ स्तर के अधिकारी को जांच सौंपी है और सभी साक्ष्यों को जोड़कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 9 जून को हुआ अपहरण, 20 जून को तमिलनाडु से बरामदगी
रिपोर्ट के अनुसार, कादरचौक थाना क्षेत्र की रहने वाली नाबालिग को 9 जून को भमुइया गांव निवासी मुजक्किर बहला-फुसलाकर तमिलनाडु ले गया था। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और लोकेशन ट्रेस कर 20 जून को पुलिस टीम ने पीड़िता को आरोपी के साथ तमिलनाडु से बरामद कर लिया।21 जून की रात को दरोगा हरिओम, एक महिला कांस्टेबल और एक सिपाही के साथ लड़की को बदायूं लाया गया। आरोप है कि उसी रात लड़की को थाने में रुकवाया गया, जहां दरोगा ने उसे अपने कमरे में बुलाकर दुष्कर्म किया और धमकाकर चुप करा दिया।पीड़िता का मेडिकल, कोर्ट में बयान और बाल कल्याण समिति की निगरानी में खुलासा इसके बाद पीड़िता को वन स्टॉप सेंटर भेजा गया, जहां उसका मेडिकल परीक्षण और उम्र निर्धारण कराया गया। फिर उसे न्यायालय में पेश कर कलमबंद बयान दर्ज कराया गया, जिसमें उसने थाने के भीतर दुष्कर्म की आपबीती सुनाई। मंगलवार को पीड़िता को बाल कल्याण समिति के माध्यम से परिजनों को सौंपा गया, जहां उसने पूरी घटना परिवार को बताई।दरोगा का तबादला पहले ही हो चुका, अब कानूनी शिकंजा तय
गंभीर आरोप सामने आने के बाद यह जानकारी भी सामने आई है कि दरोगा हरिओम राजपूत का तबादला पहले ही शाहजहांपुर कर दिया गया था और वह 25 जून को कार्यमुक्त होकर रवाना हो चुका है। लेकिन कोर्ट में दिए गए पीड़िता के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अब मामला तूल पकड़ता जा रहा है।एसएसपी डॉ. ब्रजेश सिंह मीडिया से बातचीत में बताया कि, “घटना की निष्पक्ष जांच कराई जा रही है। पीड़िता का बयान, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य तथ्यों को जांच में शामिल किया गया है। यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।सवालों के घेरे में थानों की सुरक्षा, महिला अधिकार कार्यकर्ता भी सक्रिय इस घटना ने एक बार फिर थानों में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कई महिला संगठनों ने भी मामले को गंभीर बताते हुए पुलिस प्रशासन से दोषी के खिलाफ तत्काल कठोर कार्रवाई की मांग की है।
(पंडित मोनू मिश्रा की रिपोर्ट)