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ओडिशा में नक्सली हमले में कुशीनगर का जवान शहीदः सर्च ऑपरेशन के दौरान IED ब्लास्ट, फोन पर कहा था-अगले महीने घर आऊंगा

ओडिशा में कुशीनगर के CRPF जवान सत्यवान सिंह (35) शहीद हो गए। 13 जून शुक्रवार शाम जंगल में नक्सलियों के सर्च ऑपरेशन के दौरान IED ब्लास्ट हो गया। जिसकी चपेट में आने से सत्यवान घायल हो गए। उन्हें राउरकेला अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनकी मौत हो गई।

ओडिशा में कुशीनगर के CRPF जवान सत्यवान सिंह (35) शहीद हो गए। 13 जून शुक्रवार शाम जंगल में नक्सलियों के सर्च ऑपरेशन के दौरान IED ब्लास्ट हो गया। जिसकी चपेट में आने से सत्यवान घायल हो गए। उन्हें राउरकेला अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनकी मौत हो गई।

सूचना मिलते ही पत्नी प्रियंका बेहोश हो गईं। परिजन का रो कर बुला हाल है। सत्यवान की नियुक्ति 2010 में सीआरपीएफ 134 बटालियन में हुई थी। वह ओडिशा में तैनात थे। रविवार सुबह 10 बजे उनका शव पैतृक गांव हाटा के रामपुर सोहरौना पहुंचेगा। यहीं पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।मृतक के भाई संतोष सिंह ने बताया कि हम चार भाई थे। शत्रुघ्न सिंह, आशुतोष और सत्यवान। सत्यवान दूसरे नंबर पर था। मेरे पिता पिता प्रेम सिंह किसान हैं। खेती का काम देखते हैं। बड़े पापा टीचर थे। उन्हीं के साथ रहकर सत्यवान पढ़ा लिखा। शुरू से ही फोर्स में जाने की इच्छा थी।

पढ़ाई और मेहनत के बल पर 2010 में सीआरपीएफ केरल में ट्रेनिंग लेकर नियुक्ति मिली। बड़े भाई शत्रुघ्न सिंह भी आईटीबीटी फोर्स में उत्तराखंड में तैनात हैं। मैं और आशुतोष घर पर खेती-बाड़ी का काम करते हैं।3 महीने पहले घर में शादी दी। 3 मार्च को छुट्टी पर घर आए थे। हम लोग साथ ही थे। बहुत अच्छा समय बीता। 27 मार्च को वापस ड्यूटी पर चले गए। दो दिन पहले फोन पर छुट्टी लेकर अगले महीने घर आने की बात कर रहे थे। लेकिन आज उनके शहीद होने की खबर ने सारे अरमानों पर पानी फेर दिया।

आज जब प्रियंका के पास फोन आया कि सत्यवान घायल है तो हम लोग ओडिशा जाने की तैयारी में थे। लेकिन 1 घंटे बाद दोबारा शहीद होने की खबर मिली। अधिकारियों ने कहा कि आपको आने का जरूरी नहीं है। कल 10:00 बजे के आस-पास हम लोग फ्लाइट से शव लेकर आ रहे हैं।2015 वालों ने सत्यवान की शादी देवरिया के मछरीगंवा की प्रियंका से कर दी। सत्यवान को 8 साल का बेटा सभ्य है। सभ्य गांव में ही रहकर पढ़ाई करता है। पूरा परिवार खुशहाल था। लेकिन अचानक परिवार की खुशियां छिन गई। कल शाम फोन आया भाई घायल है।

लेकिन आज फोन आया उसकी मौत हो गई। परिवार में मातम छाया है। 2 दिन पहले पत्नी के पास फोन आया था। सत्यवान बोला अगले महीने छुट्टी लेकर घर आऊंगा। लेकिन आज सुबह 8 बजे मौत की सूचना मिली

सत्यवान के पिता प्रेम सिंह ने बताया कि मेरे दो बेटे फोर्स में है एक बेटे की शहीद होने की सूचना मिली दूसरा बेटा शत्रुघ्न सिंह आईटीबीटी उत्तराखंड में है।

उसको भी सूचना दे दी गई है वह भी घर आ रहा है। मेरे तो घर की खुशियां ही छिन गई। मुझे नहीं पता था कि यह दिन देखना पड़ेगा। मेरी बहू की जिंदगी कैसे कटेगी यह कहते हुए वह फूट-फूट कर रोने लगे।सत्यवान के बड़े पापा ने बताया कि सत्यवान मेरे ही साथ रहता था पढ़ने में काफी होनहार था। हमेशा बंदूक की बात करता था और फोर्स में जाने की बात करता। मैंने भी उसका पूरा सपोर्ट किया, पढ़ाई लिखाई में कोई कमी नहीं की। किसी भी प्रकार की भर्ती आई थी टी जरूर देखता था।

आखिरकार 2010 में उसकी नियुक्ति सीआरपीएफ में हो गई जिसकी ट्रेनिंग केरल में हुई और नियुक्ति भी वही मिल गई। 2015 में हमने उसकी शादी कर दी इसका एक बेटा भी है जो यहीं रहकर पढ़ता है।सत्यवान के दोस्त ज्ञान विक्रम सिंह ने कहा की सत्यवान हम लोग के उम्र का था। हम लोग साथ रहते थे। तमाम बातें साझा करते थे। साथ पढ़े हैं। जब भी आता था मिलता था। अगले महीने आने वाला था। आज उसके शहीद होने की सूचना मिली बहुत दुख हुआ।

सत्यवान के शहीद होने की सूचना पर केवल रामपुर सोहरौना ही नहीं पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। सैकड़ों की भीड़ उनके दरवाजे पर मौजूद है। पूरा माहौल गमगीन है। सबकी आंखों में आंसू है। सभी लोग शव का इंतजार कर रहे हैं।गांव की महिला ने कहा कि सत्यवान बहुत ही होनहार और मिलनसार था। जब भी छुट्टी आता था हम लोग के घर आता था और हम लोग का हाल-चाल पूछता था। बड़ा दुख हुआ जानकर कि देश सेवा करते हुए शहीद हो गया।

ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि महेंद्र पासवान ने बताया कि सत्यवान जब भी आता था हम लोग के बीच बैठता था बातचीत होती थी गांव के बच्चे उससे प्रेणा लेते थे। सबके साथ हंसी खुशी से मिलता था। आज हम लोग के बीच नहीं है। अजीब सा लग रहा है कि सत्यवान आज हम लोगों को छोड़कर चला गया

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