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पाषाण की प्रतिमाएं मंत्रोच्चार के साथ पंचकल्याणक में लेगी भगवान का रूप,

उन पावागिरी सिद्ध क्षेत्र में ध्वजारोहण के साथ भव्य पंच कल्याणक महोत्सव का हुआ शुभारंभ,

पाषाण की प्रतिमाएं मंत्रोच्चार के साथ पंचकल्याणक में लेगी भगवान का रूप,

उन पावागिरी सिद्ध क्षेत्र में ध्वजारोहण के साथ भव्य पंच कल्याणक महोत्सव का हुआ शुभारंभ,

पंचकल्याणक महोत्सव में राष्ट्रीय संत आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज का ससंघ हुआ मंगल प्रवेश,

खंडवा।। निमाड़ में जैन धर्म की तीन सिद्ध भूमि के क्षेत्र हैं, खंडवा जिले में नर्मदा तट पर सिद्धवरकूट सिद्ध क्षेत्र, बड़वानी जिले में 52 गजा चूलगिरी सिद्ध क्षेत्र के साथ खरगोन जिले में उन पावागिरी सिद्ध क्षेत्र मौजूद है, बड़े सौभाग्य का विषय की स्वर्ण भद्रादि चार महा मुनिराजो की निर्वाण स्थली पावागिरी सिद्ध क्षेत्र ऊन में सोमवार से आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज के ससंध सानिध्य में पंचकल्याणक महोत्सव का शुभारंभ हुआ है, समाज के सचिव एवं पावा गिरी क्षेत्र के सदस्य सुनील जैन ने बताया कि राष्ट्रीय संत चर्या शिरोमणि, पट्टाचार्य आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज ससंघ का सोमवार को ही तीर्थ क्षेत्र में मंगल प्रवेश हुआ। और सोमवार से ही तीर्थ क्षेत्र में पंचकल्याणक महोत्सव का शुभारंभ एवं ध्वजारोहण कार्य संपन्न हुआ, आचार्य श्री के मंगल प्रवेश पर एक अद्भुत नजारा देखने को मिला जिसमें आचार्य श्री की मंगल अगवानी करने के लिए गनाचार्य विराग सागर जी के मूल संघ के मुनि श्री विवर्धन सागर जी महाराज एवं आर्यिका विशिष्ट मति माताजी ससंघ पहुंचे । हजारों श्रद्धालुओं की साक्षी में गुरु शिष्य मिलन का अदभुत दृश्य सभी ने निहारा जबकि आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन एवं चरण वंदना सभी महाराज एवं आर्यिका माताजी ने की । क्षेत्र के प्रचार मंत्री आशीष जैन, पारस कासलीवाल भीकन गांव में बताया कि आचार्य संघ की मंगल आगवानी में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव , भगवानपुरा विधायक केदार डाबर, जिला पंचायत सदस्य रेवाराम पाटीदार आदि सुबह से ही पहुंचे थे, इन्होंने आचार्य श्री के साथ पद विहार भी किया। मंगल अगवानी के साथ ही घटयात्रा में महिलाएं मंगल कलश सिर पर धारण कर चल रही थीं। बड़वाह के बैंड द्वारा सुमधुर भजन प्रस्तुत किए जा रहे थे जबकि पंजाब के बैंड द्वारा नृत्य की दी गई शानदार प्रस्तुति को सभी ने सराहा। पांडाल प्रांगण में संपूर्ण संघ के सानिध्य में प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी धर्म चंद्र शास्त्री नई दिल्ली के निर्देशन में ध्वजारोहण हुआ । ध्वजारोहण करने का सौभाग्य भरत रितु जैन (जीरभार वाले ) इंदौर को प्राप्त हुआ जबकि मंडप उदघाटन का सौभाग्य क्षेत्र के अध्यक्ष हेमचंद मीना झंझरी परिवार इंदौर को प्राप्त हुआ। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कीआचार्य श्री के पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य भी भरत रितु भूपेंद्र जैन इंदौर, शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य चिंतामण जैन खंडवा , चित्र अनावरण शालिनी पंकज जटाले बेड़ियां ने किया, जबकि दीप प्रज्वलन करने का सौभाग्य अमित जैन, जंबू जैन एवं गुर्जर समाज मंडली लोनारा को प्राप्त हुआ । मुख्य घट कलश विवेक विनोद जैन खरगोन एवं द्वितीय कलश मीना झंझरी इंदौर ने स्थापित किया । मुनि श्री विवर्धन सागर जी महाराज एवं आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज ने अपनी अमृत मय वाणी से सबको लाभान्वित किया। संघ के 55 साधुओं की आहार चर्या परिसर में लगे 17 चौकों में पूर्ण हुई । आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी की आहार चर्या महेश्वर के चौके में पूर्ण हुई। महोत्सव पंडाल में दोपहर को सकलीकरण,इंद्र प्रतिष्ठा, मंडप प्रतिष्ठा के पश्चात विधान हुआ। शाम को महा ध्वजा की स्थापना के पश्चात आरती , शास्त्र प्रवचन के बाद निमाड़ महिला मंडल द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति प्रस्तुत की गई।

“आज से प्रारंभ होगी गर्भ कल्याणक की क्रिया”

समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि भगवान की जिनबिंब प्रतिष्ठा महोत्सव में भगवान के गर्भ, जन्म, दीक्षा, ज्ञान एवं मोक्ष कल्याणक के 5 दिनों तक अलग-अलग क्रियाएं होती है उसी के अंतर्गत मंगलवार को गर्भकल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा इसके अंतर्गत सुबह नित्य अभिषेक के पश्चात योग मंडल विधान होगा पश्चात आचार्य श्री की दिव्य देशना होगी । दोपहर में नवग्रह होम,शांति होम, जल होम के बाद माता की गोद भराई होगी । रात्रि में इंद्र दरबार लगेगा कुबेर द्वारा रत्न वृष्टि होगी, देवियों द्वारा माता की सेवा कें दृश्य प्रस्तुत होगे, माता के सोलह स्वप्न प्रस्तुत होंगे एवं शांति सागर पाठशाला इंदौर दवारा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी जाएगी।

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