
ठाणे.दिवा शहर के *अनंत पार्क* नामक 18 साल पुरानी अवैध बिल्डिंग पर आज फिर *ठाणे महानगर पालिका* के दिवा प्रभाग समिती के सहायक आयुक्त *राजेंद्र गिरी* द्वारा तोडक कार्यवाई के लिए पूरे दल बल के साथ आने वाले है। ऐसी जानकारी अनंत पार्क के रहवासियों को सुबह प्राप्त हुई। तो सुबह से दिवा में डर और भय का माहौल आम जनता में बन गया । *अनंत पार्क* रहवासियों द्वारा बिल्डिंग के बाहर ही फांसी और मृत्य साया का प्रतिबिंब बनाकर आंदोलन किया जाने लगा । दोपहर में *सहायक आयुक्त* और मनपा अधिकारी *पुलिस* बंदोबस्त का पुक्ता इंतजाम कर पहुंचे । प्रशासन की ओर से लोगोंको बताया गया की उच्च न्यायालय के कार्यवाई हेतू आदेश है। लोगोने बिल्डिंग तोड़ने की आदेश की प्रत मांगने पे वो प्रत की कॉपी दिखाने में असमर्थ हुए।उनके पास उच्च न्यायालय के आदेश की कोई भी कॉपी नहीं होने के कारण वश बिना कोई कार्यवाई किये ही वापस लौटना पडा |
दिवा और ठाणे की जनता के बीच एक ही चर्चा बनी है । की बिल्डिंग 18 साल पुरानी है।जबकि दिवा में 200 *अनधिकृत बिल्डिंग* बन रही है ।उन पे कोई कारवाही ठाणे महानगर पालिका नहीं कर रही। जबकि दिवा मे आजभी 3 महीने में 7 मंजिला बिल्डिंग बन कर तैयार हो रही है । कई लोगो द्वारा *टीएमसी* में शिकायत के बाबजूद कुछ भी कदम टीएमसी नहीं उठती । पर 18 साल पुरानी बिल्डिंग का जगह मालिक और बिल्डर का झगड़ा बताकर तोड़ने की बात कही जा रही है। जबकि इसमें रहवासियों की कोई गलती नहीं है । जब बिल्डिंग बनती है तो जगह मालिक के बिना परमिशन के 7 से 8 माला की बिल्डिंग एक रात में तो नहीं बनती है ।टीएमसी के अधिकारी कहते है
दिवा की सभी बिल्डिंग अनधिकृत है। तो इन सबका दोषी कौन *स्थानिक नेता*/*टीएमसी अधिकारी*/*बिल्डर*/*जगह मालिक*/*पुलिस* या जिस गरीब ने सस्ता में बिल्डिंग में रूम खरीदा वो ? अपनी मेहनत की कमाई से सपनों का घर बनाया वो ?
जबकि दिवा में *3500* करोड़ रूपये के खर्च किए ऐसा राज नेताओं को कहना है. दिवा को *स्मार्टसिटी* में लिया गया केंद्र सरकार द्वारा ।VID-20250318-WA0019