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*नायब तहसीलदार से पटवारी बनाने के मामले में हाईकोर्ट ने दिया स्टे

त्रिलोक न्यूज़ उज्जैन ब्यूरो चीफ

 

*कोर्ट ने लगाई डिमोशन पर रोक*

 

*परिविक्षा अवधि बीतने के 3 साल बाद‌‌ कैसे किया डिमोशन*

 

 

उज्जैन/आगर। नायब तहसीलदार को पटवारी बनाये जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। डिमोटेड किये गये नायब तहसीलदार अरूण चन्द्रवंशी ने हाईकोर्ट में याचिका क्रमांक 6384/2025 प्रस्तुत की। हाईकोर्ट सिंगल बैंच इंदौर खंडपीठ ने नायब तहसीलदार अरूण चंद्रवंशी के डिमोशन पर रोक लगाते हुए मध्यप्रदेश सरकार से जवाब मांगा है।

 

उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के न्यायाधीश सुबोध अभ्यंकर ने मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन, प्रमुख सचिव राजस्व विभाग विवेक पोरवाल , संजय गुप्ता आयुक्त उज्जैन संभाग, कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह से जवाब मांगा है। उल्लेखनीय है कि 10 फरवरी 2025 को अरूण चंद्रवंशी नायब तहसीलदार बड़ागांव जिला आगर मालवा को मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग ने नायब तहसीलदार से पटवारी पद पर पदावनत कर दिया था, शासन के आदेश के विरूद्ध उच्च न्यायालय में अरूण चंद्रवंशी ने डिमोशन आर्डर दुर्भावना पूर्ण व एकपक्षीय बताते हुए याचिका प्रस्तुत की। जिस‌ पर हाईकोर्ट ने नायब तहसीलदार अरूण चंद्रवंशी के डिमोशन पर रोक लगाते हुए आदेशकर्ता अधिकारियों को 6 सप्ताह का समय देते हुए 15 अप्रैल 2025 तक जवाब मांगा है। कोर्ट ने अपने स्टे आर्डर में कहा है कि परिविक्षा का समय 2021 में ही खत्म हो चुका है तो फिर 2025 में पदावनत कैसे कर दिया‌।

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