छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदाय और उनकी परंपराओं के ऐतिहासिक, सामाजिक, और आध्यात्मिक योगदान को सम्मानित करने हेतु एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था, विश्रामपुरी में किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य जनजातीय समाज के छत्तीसगढ़ के इतिहास, संस्कृति, कला, और अन्य क्षेत्रों में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान को उजागर करना था।
मुख्य अतिथि पूर्व विधायक सेवक राम नेताम (केशकाल विधानसभा), विशिष्ट अतिथि सरपंच सुशीला मरकाम (विश्रामपुरी ‘अ’) और पुष्पा चांदेकर (सरपंच ‘ब’ विश्रामपुरी), तथा सामाजिक कार्यकर्ता मंगऊ कावड़े (नारायणपुर) ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। कार्यक्रम का संचालन बलीराम नेताम के मार्गदर्शन में, आईटीआई विश्रामपुरी के प्राचार्य नरेंद्र कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में किया गया। संयोजक अशोक कुमार ध्रुव और सहसंयोजक विजय पाल सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वय से यह आयोजन सफल हुआ।
आईटीआई विश्रामपुरी और बड़े राजपुर के प्रशिक्षणार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिसमें जनजातीय कला, संगीत और नृत्य का प्रदर्शन किया गया। मुख्य वक्ता मंगऊ कावड़े ने बिरसा मुंडा और अन्य जनजातीय नायकों के योगदान पर प्रकाश डाला। साथ ही, रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती के अवसर पर महिलाओं की भूमिका को भी विशेष रूप से रेखांकित किया गया।
अतिथियों का स्वागत प्रशिक्षणार्थियों ने किया। इस अवसर पर आईटीआई के कई अधिकारी, प्रशिक्षण अधिकारी, और क्षेत्र के अन्य शिक्षण संस्थानों के प्रमुख उपस्थित रहे। उन्होंने जनजातीय संस्कृति और उनके योगदान की सराहना की।
यह आयोजन छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक धरोहर को सहेजने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला साबित हुआ। कार्यक्रम में देश की उन्नति में योगदान देने के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान किया गया।