साध्वीवृन्द का मंगल प्रवेश
साध्वीवृन्द का मंगल प्रवेश
इस मौके पर साध्वी कीर्तिलता ने चातुर्मास की महिमा बताते हुए कहा कि हम जैन धर्म के साधु साध्वी है। जैन धर्म के प्रत्येक साधु साध्वी चातुर्मास बिताते हैं। चातुर्मास का लक्ष्य होता है। धर्म ध्यान करने का। जिस प्रकार किसान वर्षा की प्रतीक्षा करता है बीज रोपण करता है कि खेती अच्छी चले।
वैसे ही साधु साध्वी आचार्य का एक ही लक्ष्य होता है। आध्यात्म के द्वारा चातुर्मास में ज्ञान अर्जन किया जाए । चातुर्मास धर्म ज्ञान का सीजन होता है। सीजन के दौरान धर्म नहीं करेंगे तो कब करेंगे। चातुर्मास पूरे वर्ष की कमाई होती है। आचार्य श्री ने महती कृपा करके भीलवाड़ा जैसा शहर दिया है चतुर्मास के लिए । यहां धर्म का अच्छा माहौल है।भीलवाड़ा वस्त्र नगरी और धर्म नगरी है।
मंगल प्रवेश के अवसर पर आयोजित जुलूस –
मंगल प्रवेश के अवसर पर आयोजित जुलूस
मंगल प्रवेश के अवसर पर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष जसराज चोरडिया, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष पीयूष रांका, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष मैना कांठेड़, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के अध्यक्ष प्रशांत सिंघवी, अणुव्रत समिति अध्यक्ष अभिषेक कोठारी, तेरापंथ सेवा संस्थान के अध्यक्ष शैलेंद्र बोरदिया, महाप्रज्ञ सेवा संस्थान के अध्यक्ष नरेश कोठारी, आचार्य श्री भिक्षु सेवा संस्थान के अध्यक्ष गौतम दुग्गड़ सहित बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाएं उपस्थिति रहे।