कोरबा ऊर्जाधानी कहे जाने वाले कोरबा के शहरी समेत ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती से लोग परेशान हैं, जहां जिले के कई अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती की समस्या से ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है।
ऐसा ही मामला कोरबा ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत दोद्रो के ग्राम बेलाकछार का है, जहां बिजली कटौती एवं विद्युतीकरण की लचर वायवस्थाओ का आलम झेल रहे ग्रामीणों ने अपनी समस्या का समाधान पाने की चाहत में प्रशासनिक अधिकारियों से मुख्यमंत्री तक का दरवाजा खटखटाया है। मगर उनकी समस्याओं का कोई हल नज़र नहीं निकल पाया है। जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।
पुर्व जनपद सदस्य कौशल पटेल ने जानकारी देते हुए बताया की ग्राम बेलाकछार में बहुत पहले से विद्युति करण कर दी गई है, मगर इसके रख रखाव एवं आपूर्ति करने के प्रति विद्युत विभाग उदासीन है, गांव में अधिकांश समय में बिजली गुल रहती है और जब कारण जानने हेतु बिजली विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया जाता है तो उनका फोन बंद आता है। पुर्व में ग्राम बेलाकछार- संगमनगर का बिजली पाड़ीमार जोन से सप्लाई किया जाता था। मगर दर्री सबस्टेशन में स्थान्तरण करने के बाद से समस्या और गंभीर हो गई है।उक्त समस्या को लेकर ग्रामवासियों ने मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया है। जिसमे मुख्यमंत्री द्वारा समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया गया है।उन्होने आगे कहा की अगर 15 दिवस की भीतर मांगे पूर्ण नहीं होती तो वे जिला मुख्यालय में घेराव करने हेतु बाध्य होंगे।
ग्रामीणों की मांग है की पूर्व मैं बिजली की आपूर्ति पाड़ीमार जॉन से की जाती थी दरी जॉन में स्थानांतरण होने के बाद समस्याएं काफी बढ़ गई है जिसे पुनः पड़ीमार जोन में किया जाए
विद्युत विभाग के अधिकारियों से लेकर कलेक्टर तक कर चुके है शिकायत
बिजली की समस्या को लेकर बिजली विभाग के कनिष्ठ अभियंता, अधीक्षण अभियंता एवं वरिष्ठ अधिकारियों समेत कलेक्टर जन चौपाल में भी कई बार उक्त मामले की शिकायत की जा चुकी है परंतु आज पर्यंत तक किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई सामने नहीं आई।
श्रम मंत्री ने भी अधीक्षण अभियंता को लिखा था पत्र
छत्तीसगढ़ के श्रम उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री लखन लाल देवांगन ने भी समस्या को लेकर अधीक्षण अभियंता के नाम पत्र लिखते हुए ग्राम बेलाकछार,संगम नगर आदि की बिजली को पाडीमार जोन में जोड़ने एवं ट्रांसफॉर्मर लगवाने की बात कही थी, मगर मंत्री के उक्त पत्र का भी असर देखने को नहीं मिला।
बिजली की चपेट में आने से हो चुकी है मौतें
ग्रामीण ने बताया कि पूरे ग्राम में बिजली के तार जमीन से काफी कम ऊंचाइयों में है जिसे आसानी से हाथ से छुआ जा सकता है उक्त बात की शिकायत विद्युत विभाग से कई बार की जा चुकी है परंतु इस पर भी विद्युत विभाग उदासीन है। उन्होंने बताया कि बिजली तार की चपेट में आने से बीते वर्ष एक महिला की मृत्यु हो गई थी इसके साथ ही कई मवेशी भी इसकी चपेट में आते रहते हैं।
फोन नहीं उठाते है कर्मचारी: ग्रामीण
बिजली गोल होने पर एवं शिकायतों के लिए जब बिजली विभाग के कर्मचारियों से फोन किया जाता है, तो उनके द्वारा फोन नहीं उठाया जाता है। इसके साथ ही अधिकांश समय उनके फोन स्विच ऑफ आते हैं