साइबर धोखाधड़ी के नए-नए तरीके, फंस रहे हैं लोग-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि
साइबर धोखाधड़ी को किसी भी धोखाधड़ी वाले अपराध के रूप में माना जा सकता है जो कंप्यूटर या कंप्यूटर डेटा के माध्यम से किया जाता है। ये अपराध व्यापक हैं। जालसाज पीड़ितों की व्यक्तिगत पहचान, उनके ऑनलाइन खातों और उनके बैंक खातों तक पहुँच प्राप्त करने के लिए साइबर दुनिया का उपयोग कर सकते हैं।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि प्रतिदिन किसी-ना-किसी के साथ किसी तरह का फ्रॉड हो रहा है। इसे देखते हुए सुरक्षित डिजिटल भुगतान, इको-सिस्टम प्रदान करने तथा साइबर धोखाधड़ी के कारण होने वाले वित्तीय नुकसान को रोकने के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हेल्पलाइन नंबर 155260 और रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म शुरू किया है।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, बृजेश शुक्ला एडवोकेट, राकेश दक्ष एडवोकेट,डॉ आरके शर्मा, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन,बीना एडवोकेट आदि ने कहा कि कंप्यूटर अपराध भी कई प्रकार से किये जाते है जैसे कि जानकारी चोरी करना, जानकारी मिटाना, जानकारी मे फेर बदल करना, किसी कि जानकारी को किसी और को देना या कंप्यूटर के भागो को चोरी करना या नष्ट करना।
उन्होंने कहा किसाइबर धोखाधड़ी के पीछे मुख्य उद्देश्य वित्तीय लाभ और व्यवधान पैदा करना है। साइबर धोखाधड़ी में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकें विविध और परिष्कृत हैं,
जिससे उन्हें पहचानना और विफल करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ