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कंकरेट स्थित बन्ने बाबा धाम मंदिर पर हुआ श्रीमद् भागवत कथा का अयोजन

कथा समाप्ति के दौरान हजारों की सख्या में पहुचे श्रद्दालुओ ने पाई प्रसादी

* कंकरेट स्थित बन्ने बाबा धाम मंदिर पर हुआ श्रीमद् भागवत कथा का अयोजन *

 

** कथा समाप्ति के दौरान हजारों की सख्या में पहुचे श्रद्दालुओ ने पाई प्रसादी **

 

सरमथुरा धौलपुर

नाहर सिंह मीना

 

19 जून!

सरमथुरा उपखंड के कंकरेट गांव स्थित वन्ने बाबा मंदिर 12 जून से चल रही श्रीमद् भागवत कथा आज संपन्न हो गई। कथा के समापन पर हवन यज्ञ और भंडारे का आयोजन किया गया। भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहले हवन यज्ञ में आहुति डाली और फिर प्रसाद ग्रहण कर पुण्य कमाया। कथा वाचक करौली जिले के मासलपुर खेडिया से पधारे आचार्य बनवारी शास्त्री जी ने 7 दिन तक चली कथा में भक्तों को श्रीमद भागवत कथा की महिमा बताई।

चौधरी परिवार वेरंडापुरा निवासी रामबाबू जी, रामेश्वर, रघुवीर मीणा जी बरौली, दिनेश, शिवकुमार, भूर सिंह, चेतन मीणा जी के तत्वाधान में श्री मद भागवत कथा का सात दिवसीय आयोजन कराया गया 19 जून तक चलने बाले धार्मिक आयोजन में हजारों की संख्या में धर्म प्रेमियों ने पहुंच कर धर्म लाभ लिया व श्रीमद् भागवत कथा के संपन्न होने पर प्रसाद ग्रहण भी किया।

श्रीमद भागवत कथा ज्ञान कथा व्यास आचार्य बनवारी जी ने विभिन्न प्रसंगों पर प्रवचन दिए। उन्होंने कहा कि छठवें दिन कृष्ण के अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया गया। मां देवकी के कहने पर छह पुत्रों को वापस लाकर मा देवकी को वापस देना सुभद्रा हरण का आख्यान कहना एवं सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कथा व्यास आचार्य बनवारी जी ने बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा जी से समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र (सखा) से सुदामा मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। उन्होंने कहा कि सुदामा द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं। इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है।अपना नाम सुदामा बता रहा है। जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया और सुदामा को अपने महल में ले गए ओर उनका अभिनंदन किया। इस दृश्य को देखकर श्रोता भाव विभोर हो गए। उन्होंने सुदामा और कृष्ण की झांकी पर फूलों की वर्षा की इसके बाद प्रसाद वितरण किया गया।

तो वहीं कथावाचक आचार्य बनवारी शास्त्री जी ने लोगों से भक्ति मार्ग से जुड़ने और सत्कर्म करने को कहा। शास्त्री ने कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण व वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। साथ ही व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। सभी व्यक्ति को इसका रसपान करना चाहिए . श्रीमद भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान व वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है।

अयोजन के दौरान पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी सियाराम मीना के द्वारा मंच संचालन किया गया इस दौरान रिटायर्ड डीईओ सियाराम जी ने नशा मुक्ति एवम शिक्षा को लेकर लोगों को किया गया जागरुक सियाराम मीना ने कहा कि हमे सामाजिक और धर्मिक कार्यक्रमों के साथ साथ शिक्षा को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम आयोजित कर आपसी सहयोग एवं जन प्रतिनिधियों के सहयोग से स्कूलों में लाइब्रेरी निर्माण और क्षेत्र में फैली कुरितीय के समाधान हेतु भी प्रयास करने चाहिए

कार्यक्रम में क्षेत्रिय जनप्रतिनिधियों ने शिरकत की बसेड़ी विधायक प्रतिनिधि शुआलाल जी एवं नव चयनित युवा आईएएस लक्ष्मण मीना का अयोजन कमेटी और ग्रामीणों ने माला साफा पहनाकर स्वागत सम्मान किया इस मौके पर आस पास के ग्रामीणों ने बन्ने धाम तक रास्ता बनाने की मांग की गई जिस पर विधायक प्रतिनिधि सुआलाल द्वारा सड़क बनाने का आश्वाशन दिया गया ।

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