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क्लब फूट वाल पीड़ित बच्चो की जांच और इलाज के लिए लगाए गए चिकित्सा शिविर।

प्रेस विज्ञप्ति: 18 जून 2024
जिला स्वास्थ्य समिति
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क्लब फुटबाल पीड़ित बच्चों की जांच और इलाज के लिए लगाए गए चिकित्सा शिविर

12 क्लब फुट पीड़ित बच्चों की पहचान हुई, चार बच्चों का किया गया फॉलोअप

प्रभावशाली अस्पताल परिसर स्थित जिला प्रारंभिक इंटरवेंशन सेंटर में हुआ आयोजन

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जून 2024 को नेशनल क्लब फुटबाल अवेयरनेस माह की घोषणा की

गया, 18 जून: ​क्लब फुटबाल में होने वाली एक जन्मजात असामान्यता है। इसमें बच्चे का एक या दोनों पैर अंदर या बाहर की तरफ मुड़े होते हैं। क्लब फुट की समस्या से पीड़ित बच्चों को चिह्नित करते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत ऐसे बच्चों का मुफ्त इलाज होता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जून 2024 को राष्ट्रीय क्लब फुट अवेयरनेस माह घोषित किया गया है। सॉलिड स्टेप्स—एक क्लबफुट जागरूकता और प्रबंधन थीम के साथ यह उद्देश्य है कि क्लबफुट के बच्चों की पहचान के प्रति लोगों में जागरूकता लाई जाए। इसके साथ ही उनका उचित इलाज सुनिश्चित करना और छूटे हुए बच्चों का अनुसरण करना है। क्लब फुट के बारे में जागरूकता लाने के लिए कार्यशाला तथा इलाज और प्रबंधन के लिए शिविरों का आयोजन करना है। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यकारी निदेशक सुहर्ष भगत ने नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सहित राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के अधीक्षक तथा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र के अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं। निर्देश में कहा गया है कि मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग तथा डीआईसी समन्वय स्थापित कर क्लब फुट के प्रति जागरूकता तथा इलाज के लिए शिविरों का आयोजन किया गया।

क्लब
फुट अवेयरनेस माह को लेकर मंगलवार को जिला अस्पताल परिसर में प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र में शिविर का आयोजन किया गया। जिले के विभिन्न पहलुओं से आये क्लब फुट से पीड़ित बच्चों की जांच और उपचार संबंधी परामर्श दिये गये। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह, डीएम नीलेश कुमार, प्रभावी अस्पताल अधीक्षक डॉ सत्येंद्र चौधरी आरबीएसके नंदल उज्ज्वल कुमार, मगध मेडिकल कॉलेज के अस्पताल के कोऑर्डिनेटर डॉ एम इफ्रान व अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे। इस अवसर पर सिविल सर्जन ने कहा कि क्लब फुट से पीड़ित बच्चों को चिन्हित कर उन्हें इलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है। बताया कि ऐसे बच्चों को डीसीसी में जांच कर मगध मेडिकल कॉलेज भेजा जाता है। अपग्रेडेशन, प्लास्टर और फिर स्वस्थ्य होने के बाद बच्चों का फॉलोअप किया जाता है। जन्मजन्म यात्रा से लाचार बच्चों को आसानी से यात्रा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

क्लब फुट वाले 12 बच्चों की जांच:
आरबीएसके नंदलाल कुमार ने बताया कि शिविर के दौरान 16 क्लब फुट वाले बच्चों की जांच की गई। इनमें 12 क्लब फुट के नये बच्चे थे तथा चार बच्चे समान इलाज के लिए फॉलोअप के लिए आये थे। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत एक अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के बीच 171 क्लब फुट किड्स का इलाज किया गया है। इसमें 70 बच्चों के क्लब फुट बीमारी से मुक्त दैनिक जीवन जीने में सफलता प्राप्त हुई है एवं 71 बच्चों को मगध मेडिकल कॉलेज में फॉलोअप से इलाज किया जा रहा है।

क्लब फुट की समस्या क्या है:
क्लब फुट पैड में होने वाली एक जन्मजात असामान्यता है। इसे मुद्गरपाद भी कहा जाता है। इसमें बच्चे का एक या दोनों पैर अंदर या बाहर की तरफ मुड़े हुए होते हैं। क्लब फुट को टेलिप्स भी कहा जाता है, यह एक या दोनों पैरों को प्रभावित कर सकता है। आमतौर पर इस बीमारी में मांसपेशियों को हड्डी से जोड़ने वाले ऊतक सामान्य से छोटे होते हैं।

त्रिलोकी नाथ डिस्ट्रिक्ट डिवीजन हेड गया

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