उज्जैन :- तराना तहसील के ग्राम कनासिया सरकारी अस्पताल का मामला। मरीजों द्वारा सरकारी अस्पताल में पहुंचकर
डॉक्टर्स व स्टाफ पर पूरा भरोसा करते हुए उपचार व जांच करवाते हैं, लेकिन सरकारी अस्पताल की जांच रिपोर्ट ही गलत निकल जाये तो ऐसे में मरीज की जान तो खतरे में पड़ जाती है वहीं सरकारी अस्पतालों की विश्वसनीयता भी खत्म होती है। ऐसा ही एक मामला तराना तहसील के ग्राम कनासिया सरकारी अस्पताल में सामने आया जिसमें एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी का कम्पलीट ब्लड टेस्ट कराया जिसकी रिपोर्ट पर शंका होने के बाद
प्रायवेट लैब में जांच कराई।
दोनों रिपोर्ट में भारी अंतर आया।
यह था मामला
नितेश जैन निवासी कनासिया ने 4 मई को कनासिया सरकारी अस्पताल में अपनी पत्नी
नेहा, जो की विगत 10 वर्षो से शुगर की बीमारी से पीड़ित है कि कम्पलीट
ब्लड जांच के लिये सेम्पल कनासिया सरकारी अस्पताल को दिया, जिसकी रिपोर्ट उन्हें 13 मई को प्राप्त हुई। जिसमें रिपोर्ट नेगेटिव का उल्लेख था। नितेश जैन ने बताया कि नेहा कि कनासिया सरकारी अस्पताल कि जांच रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त होने पर उन्हें शंका हुई तो उन्होंने उज्जैन आकर प्रायवेट लैब में नेहा जैन का ब्लड टेस्ट करवाया वहां से जो जाँच रिपोर्ट मिली वह चौंकाने वाली थी। सरकारी अस्पताल की जिस रिपोर्ट में नेगेटिव का उल्लेख था वही प्रायवेट लैब में बीमारी यथावत अथवा बढ़ी हुई मिली।