कोरबा। चार फल वनोपज की श्रेणी में आने के अलावा भालू, हाथी व बंद जैसे वन्य जीवों का मुख्य चारा है। सघन जंगलों से पेड़ों की संख्या में लगातार आ रही कमी की वजह से वन्य जीव आहार से वंचित हो रही है।
जिले के वन क्षेत्रों में चार फल के पेड़ों में आ रही कमी के कारण अब चिरौंजी भी दुर्लभ उपज की श्रेणी में आने लगा है। 40 लाख की लागत से कोरबा वन मंडल कार्यालय परिसर में निर्मित चिरौंजी प्रसंस्करण केंद्र में इस वर्ष एक भी चार फल नहीं पहुंचा है। चार का दर राज्य सरकार ने 300 रूपये किलो निर्धारित किया है। इसके विपरीत खुले बाजार में 400 से 450 रूपये प्रति किलो दर से मांग होने के कारण संग्राहक समिति की जगह खुले बाजार में बिक्री कर रहे हैं।