खगड़िया आगे बढ़ने के बजाय पीछे खिसकते गया। खगड़िया अपनी पहचान बरकरार रखने के बदले पहचान खोता चला गया।
10 मई 1981 को मुंगेर जिला से अलग कर खगड़िया जिला का निर्माण किया गया। खगड़िया जिला बनने की दिलचस्प कहानी है,अगर पूर्व सांसद रामशरण यादव पहल नहीं करते तो खगड़िया जिला इसलिए नहीं बनता कि खगड़िया अनुमंडल को बेगूसराय जिला बनने के समय जोड़ने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, लेकिन बाबू रामशरण यादव ने मुंगेर जिला में रहना पसंद किया और बेगूसराय जिला से जुड़ने का लगातार विरोध करते रहे । खगड़िया को बेगूसराय जिला में मिलाने के लिए ही साहेबपुर कमाल प्रखंड को बेगूसराय जिला का हिस्सा बना दिया, ताकि खगड़िया जिला भौगोलिक बनावट के दृष्टिकोण से बेगूसराय का अंग बन सके।
खगड़िया विकसित होने के बदले पिछड़ता चला गया। पहले खगड़िया व्यापार का बहुत बड़ा केंद्र हुआ करता था।ढाका और कलकत्ता से जलमार्ग से अड्डा घाट खगड़िया में पानी का जहाज माल लेकर आता था।
बेगूसराय शहर समेत पूरे बेगूसराय जिले के लोग समान खरीदने यानि बाजार करने खगड़िया ट्रेन से आते थे।
बेगूसराय में राजेंद्र सेतु, रिफाइनरी,थर्मल पावर प्लांट, उर्वरक कारखाना लगने के बाद बेगूसराय का तेज गति से बिकास हुआ।
मानसी में जहां वियाडा की जमीन है, वहां रक्षा विभाग का कारखाना लगने वाला था,कुछ अन्य जगहों पर कारखाना लगने की बात थी,वह इस जिले में नहीं लगकर उस समय तत्कालीन जनप्रतिनिधियों के उदासीनता के कारण पड़ोसी जिला में चला गया।
बिहार सरकार ने निर्णय लिया कि हर प्रमंडल में एक विश्वविद्यालय होगा और उस प्रमंडल के जिला उस विश्वविद्यालय से जुड़ेंगे लेकिन मुंगेर रेल सह सड़क पुल बन जाने के वावजूद बेगूसराय जिला का सभी कालेज आज भी ललित नारायण विश्वविद्यालय से जुड़ा है,नियमतया मुंगेर विश्वविद्यालय से जुड़ा रहना चाहिए था। बेगूसराय सरकार के विभिन्न दलों के नेता और कार्यकर्ता विकास के मुद्दे पर एकजुट होकर काम करते हैं और खगड़िया का नेता और कार्यकर्ता अपनी अपनी राजनीतिक डफली बजाने तक सीमित रहता है।आने बाला समय में बेगूसराय में एक विश्वविद्यालय बनेगा और खगड़िया के सभी कालेजों को प्रस्तावित बेगूसराय विश्वविद्यालय से जोड़ा जाएगा।
हाल में ही कुछ बर्ष पूर्व मुंगेर डीआईजी से बेगूसराय को अलग कर बेगूसराय में डीआईजी का पद और कार्यालय गुपचुप तरीके से बना दिया । खगड़िया को बेगूसराय डीआईजी से जोड़ दिया गया और खगड़िया के सभी जनप्रतिनिधि और नेता चुप रह गये।
बेगूसराय अनुमंडल या जिला में दो स्टेशनों पर राजधानी एक्सप्रेस रूकती है, ऐसा भारत में कहीं नहीं है। खगड़िया में आज भी राजधानी समेत कई एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं है। खगड़िया रेलवे को राजस्व देने में 21वें स्थान पर है, लेकिन सुविधा नदारद है।
खगड़िया में टीडीएम आफिस खुला,जिसको बेगूसराय जिला से जोड़ दिया गया लेकिन बाद खगड़िया से टीडीएम आफिस गायब हो गया। खगड़िया पोस्टल विभाग का डिविजन कार्यालय बनने की सभी आहर्ता पूरा करता है लेकिन खगड़िया आजतक बेगूसराय पोस्टल डिविजन कार्यालय से जुड़ा हुआ है।
सिमरी बख्तियारपुर खगड़िया अनुमंडल का हिस्सा था, बेलदौर प्रखंड बनाकर सिमरी बख्तियारपुर को सहरसा जिला में शामिल कर दिया गया।
खगड़िया के लोग रोजी रोजगार,पढ़ाई लिखाई के साथ साथ वेहतर इलाज करने के लिए भी पलायन करते हैं। खगड़िया के एक नेत्री ने मंत्री रहते हुए वियाडा की जमीन को प्रेस्टीज कंपनी को कौड़ी के भाव में दे दिया,जिस कारण से वहां उद्योग नहीं लग पाया है।
सात नदियां से धिरा खगड़िया में जल उद्योग ,अन्य उद्योग घंधा रोजगार और व्यापार की अपार संभावनाएं हैं। मक्का,दूध दही और केला आधारित उद्योग घंधा,इथोनाल प्लांट सहित विभिन्न उद्योगों को लगाने की संभावनाएं हैं।धार्मिक ऐतिहासिक और भौगोलिक बनावट के तहत पर्यटन की आपार संभावनाएं हैं।एम्स या सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं है। खगड़िया शहर में जलजमाव गिरते भुमिगत जलस्तर एंव बाढ़ की संभावनाएं मद्देनजर प्लानिंग कर योजनाबद्ध कार्यक्रम होना चाहिए।
नमामि गंगा परियोजना के तहत खगड़िया की अबतक शून्य उपलब्धि है।
बेलदौर और अलौली मे एक भी डिग्री कालेज नहीं है।भूमि और जलकर विवाद खगड़िया की सर्विधिक समस्या है।नदी जलाशय तलाब सरोबर की जीर्णोद्धार करना सबसे बड़ी समस्या प्रसाशन के लिए रहता है।कसरैया धार की मछली का स्वाद विश्व प्रसिद्ध है।
खगड़िया जिला बनने के एक महीने के अंदर सात जून को बदलाधाट और धमारा घाट रेलवे स्टेशन के बीच भारत का प्रथम और विश्व की सबसे बड़ी रेल दुर्घटना होने से भी खगड़िया जिला सुर्खियों रहा था। स्वतंत्रता संग्राम में भारत बर्ष में सबसे अधिक शहीद और प्रताड़ना खगड़िया के लोगों ने झेला था, गोगरी के रामकृष्ण यादव, खगड़िया के प्रभू नारायण, धन्ना माधव और रोहियार गांव कई लोग शहीद हुए और प्रताड़ना झेला।
टाउन क्लव खगड़िया मोहन बगान बंगाल को हमेशा फुटबॉल में परास्त करता था। विधानचंद्र अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हुए।रामदेव सिंह यादव ने रामविलास पासवान को राजनीति के शिखर पर पहुंचाया और रामविलास पासवान जी ने खगड़िया का गौरव पुरुष बने।
खगड़िया आगे बढ़ने के बजाय पीछे खिसकते चला गया।
खगड़िया में 52 कोठरी 53 द्वार, चंदवाडीह,मां कात्यायनी शक्तिपीठ आदि पौराणिक धरोहर और धार्मिक स्थल है जिसे संवारने की आवश्यकता है।
खगड़िया में रेलमंडल कार्यालय,स्लीपर कारखाना, खगड़िया जंक्शन को टर्मिनल में विकसित करना,उमेश नगर स्टेशन को विकसित कर रैक पोइंट का निर्माण, खगड़िया और हसनपुर से सकड़ी रेल लाइन का निर्माण होना चाहिए।
सीढ़ी घाट खगड़िया में गंडक नदी में और अलौली गढ़ में पूल निर्माण होना चाहिए। यांत्रिक कार्यशाला खगड़िया का आधुनिकीकरण करना,गौशाला मेला खगड़िया और छठ मेला जमालपुर मेला को राष्ट्रीय मेला धोषित करना चाहिए।