महाराणा प्रताप एक वीर योद्धा-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि महाराणा प्रताप उदयपुर के मेवाड़ में सिसोदिया राजपूत वंश के राजा थे। उन्होंने युद्ध में कई बार मुगलों को हराया था, इसलिए महाराणा प्रताप सिंह को उनकी वीरता और दृढ़ संकल्प के लिए अमर माना जाता है। यह एक ऐसा राजा था जिसने मुगल सम्राट अकबर के शासन को कभी स्वीकार नहीं किया।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि महाराणा प्रताप जयंती 16वीं शताब्दी के महान राजपूत शासक के सम्मान में मनाई जाती है जो मुगल साम्राज्य की ताकत के खिलाफ खड़े हुए थे। महाराणा प्रताप ने राजपूताना संस्कृति, युद्धकला और वैज्ञानिक सोच को भी प्रेरित किया है।महाराणा प्रताप और उनका परिवार बहुत लंबे समय तक जंगल में रहा और बुनियादी चीजों के लिए पीड़ित रहा और घास से बनी चपातियों पर भी जीवित रहा। उनके पास एक बहुत ही वफादार घोड़ा भी था जिसका नाम चेतक था, जो उनका पसंदीदा था और बहुत कम लोग एक तथ्य जानते हैं जिसकी नीली आंखें थीं। इसीलिए महाराणा प्रताप को नीले घोड़े का सवार भी कहा जाता है।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, बृजेश शुक्ला एडवोकेट,अनुज जैन,
डॉक्टर आरके शर्मा, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन, बीना एडवोकेट आदि ने कहा कि महाराणा प्रताप जयंती मनाने के लिए लोग राजपूत की वीरता, साहस और कभी ना मिटने वाली बहादुरी का सम्मान करने के लिए इक्ठ्ठा होते हैं। महाराणा प्रताप जंयती को मनाने के लिए लोगों द्वारा विशेष पूजा, उत्सव जूलूसों और कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारत के राजस्थान के मेवाड़ के महाराणा प्रताप एक हिंदू राजपूत राजा थे, जो आज भी अपने पराक्रम के लिए लोगों के दिलों पर राज करते हैं।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ