इन्दौरउज्जैनताज़ा ख़बरेंमध्यप्रदेश

समय सागर जी महाराज ने आचार्य पद स्वीकार किया

समय सागर जी महाराज ने आचार्य पद स्वीकार किया

दमोह के जैन तीर्थ कुंडलपुर में‎ मंगलवार को समय सागर महाराज ने आचार्य विद्यासागर के उत्तराधिकारी के तौर पर आचार्य पद स्वीकार कर लिया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित सभी अतिथि उन्हें आसन तक लेकर पहुंचे।मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंच पर पहुंचकर आचार्य श्री का आशीर्वाद लिया।

दमोह जिले के कुंडलपुर तीर्थ क्षेत्र में लाखों लोग जिस पल का साक्षी बनने के इंतजार में थे, वह पूरा हो गया। समाधिस्थ आचार्य विद्यासागर महाराज के उत्तराधिकारी के तौर पर मुनि समय सागर महाराज ने आचार्य पद स्वीकार्य किया। इस नजारे को देखने पूरे देश से लाखों लोग पहुंचे थे। संघ प्रमुख माेहन भागवत और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने पहले बड़े बाबा के दर्शन किए। फिर भावी आचार्य समय सागर महाराज के दर्शन करने पहुंचे। संघ प्रमुख सहित सभी अतिथि समय सागर महाराज को आसन तक लेकर पहुंचे। इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू हुईं।

आचार्य पद पदारोहण का कार्यक्रम दोपहर एक बजे शुरू हुआ। मुनि संघ उन्हें अपने साथ लेकर पहुंचा। सोने-चांदी के कलश से उनके चरण धुलवाए गए। कार्यक्रम का संचालन नियम सागर महाराज, प्रणाम सागर महाराज और अन्य मुनियों ने किया। समय सागर जी महाराज को सबसे ऊंचे आसन पर बिठाया गया। चौक पूरने के बाद आचार्यश्री का आसन रखा गया। इसके बाद मुनि संघ ने समय सागर महाराज से पद स्वीकार करने का निवेदन किया, जिसे उन्होंने स्वीकार्य किया। आचार्य पद ग्रहण करने की विधि शुरू हुई तो  नियम सागर महाराज ने सभी से आचार्य समय सागर महाराज की वंदना करने को कहा। मांगलिक क्रिया में सबसे पहले कलश स्थापना की गई। इसके बाद आचार्य पद ग्रहण करने की विधि शुरू हुई। एक के बाद एक पांच स्वर्ण कलश स्थापित किए गए।

समय सागर जी महाराज के आसन पर विराजमान होने और आचार्य पद स्वीकार करने के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत, मंत्री प्रहलाद पटेल, दमोह विधायक जयंत मलैया सहित अन्य लोगों ने आचार्यश्री को श्रीफल भेंट किया। मुख्यमंत्री मोहन यादव भी निर्धारित समय से करीब एक घंटे बाद कुंडलपुर पहुंचे। उन्होंने आचार्य समय सागर महाराज के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया।

दिगंबर जैन समाज के 76 संघ में से समय सागर महाराज चौथे मुनि हैं, जो पिछले महीने में आचार्य बन रहे हैं। गणाचार्य विराग सागर ने 13 फरवरी 2023 को पथरिया में मुनि विहर्ष सागर को आचार्य पद सौंपा।

गिरनारजी में आचार्य पट्टाचार्य निर्मल सागर की समाधि के बाद 11 दिसंबर 2020 को यह पद निर्भय सागर को मिला। साथ ही 15 नवंबर 2020 को राजस्थान के बारा जिले में आचार्य ज्ञानसागर की समाधि के बाद उनके शिष्य को आचार्य पद दिया।

Show More
Back to top button
error: Content is protected !!