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नगर ऊंटारी में माह-ए-रमजान की अलविदा जुमा की नमाज अदा,

संवाददाता अखिलेश विश्वकर्मा का रिपोर्ट गढ़वा

नगर ऊंटारी से

रमजान के पाक मां के अंतिम समय पर हजारों रोजेदारों ने अनुमंडल मुख्यालय सहित विभिन्न क्षेत्रों में रमजान- उल- मुबारक की अलविदा जुमा की नमाज़ जामा मस्जिद नगर उंटारी,जामा मस्जिद बरडीहा, नरही मस्जिद, कधवन मस्जिद सहित कई मस्जिदों में अलविदा का नमाज अदा की गई। की नमाज अदा की गई। इस अवसर पर नमाजियों की संख्या में बढ़ोतरी होने के कारण मस्जिद के बाहर में टेनट इंतजामिया कमेटियों के द्वारा लगवाया गया था

, वहीं पर वजू का पानी सहित ध्वनि विस्तारक यंत्र का बेहतर इंतजाम किया गया था। नगर ऊंटारी शहर के अहमद रज़ा जामा मस्जिद में पेश इमाम अब्दुल कादिर रिज़वी ने नमाज- ए- अलविदा जुमा अदा कराई। जबकि अलविदा जुमा की नमाज अदा कराई।

नमाज- ए- अलविदा जुमा को लेकर मुस्लिम मोहल्लों में आज सुबह से ही चहल-पहल देखी गई। खास कर बच्चों में विशेष उत्साह देखा गया। छोटे-छोटे बच्चे आज नए-नए कपड़े पहन कर नमाज-ए-अलविदा जुमा अदा की। अलविदा जुमा की नमाज अदा करने के लिए नमाजी पूर्वाह्न 11 बजे से ही मस्जिदों में दाखिल होने लगे थे। अलविदा जुमा के अवसर पर जकात व फितरा मांगने वालों की भीड़ सभी मस्जिदों के पास देखी गई। इस अवसर पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को

 

नगर ऊंटारी अहमद रज़ा जामा मस्जिद के पेशी इमाम मौलाना ई अब्दुल कादिर रिज़वी ने कहा कि आज हम सभी रमजान- उल- मुबारक को अलविदा कहने के लिए इकट्ठा हुए हैं। हम सभी लोगों को सिर्फ रमजान-उल- मुबारक को अलविदा कहना है न कि नमाज को। उन्होंने कहा कि जिस तरह रमजान- उल- मुबारक के दौरान लोग खुदा की इबादत करने के साथ ही नमाज अदा करते थे। उसे जारी रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हर मुसलमान को जकात व फितरा निकाल कर गरीबों में तकसीम करनी चाहिए। ताकि गरीब व असहाय लोग भी खुशी-खुशी ईद का त्योहार मना सकें। उन्होंने कहा कि जो शख्स अपने माल का जकात निकालता है। उसका माल पाक व साफ हो जाता है। साथ ही उसके माल में बरकत होती है। उन्होंने कहा कि जो रोजेदार सदका-ए- फितर अदा नहीं करता है। उसका रोजा आसमान व जमीन के बीच लटका रहता है। उसका रोजा खुदा की राह में कबूल नहीं होती है। मौलाना जफरुल्लाह ने कहा कि रमजान- उल- मुबारक महीना के दौरान एक ऐसी रात आती है। जो हजार रातों से बेहतर है। इस रात को शब- ए- कद्र के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि इस रात में लोगों को खुदा को ज्यादा से ज्यादा इबादत करनी चाहिए। अहमद रज़ा जमा मस्जिद नगर ऊंटारी के सदर तौहीद ख़ान ने कहा कि माह- ए- रमजान में ही कुरआन- ए- पाक को उतारा गया। उन्‍होंने कहा कि रमजान के महीने में रहमतों की बारिश होती है। जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं। साथ ही जहन्नुम के दरवाजे बंद कर दिये जाते हैं। इसके अलावा शैतान को कैद कर दिया जाता है। उन्‍होंने कहा कि रमजान का महीना खुदा का पसंदीदा व महबूब महीना है। अलविदा जुमा अदा करने के बाद लोगों ने खुदा से दुआएं की।

 

 

 

नगर उंटारी मस्जिद के सदर तौहीद खान सरपरस्त समीम खान महमूद आलम सीनियर, अंजुमन आमिर सदर तस्लीम खान, सेक्रेटरी डॉ, मेराजुद्दीन खान, एन सदर तौकीर रज़ा, खजांची आज़ाद अली खान,शकील अहमद , हाजी डॉक्टर कुतुबुद्दीन अंसारी,हाजी अतीकऊल्लाह खलीफा, पूर्व सदर तस्लीम ख़ान,सुहैल खलीफा अरमान खतरी, सहित बड़ी संख्या में रोजेदार शामिल थे।

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