झांसी – कस्बा समथर के एक गरीब मां शाहजहां उर्फ सज्जो जिसकी ससुराल कस्बा के ग्राम साकिन में सन् 1984 में शादी हुई थी शादी के बाद सब कुछ ठीक रहा और बेटा होने के बाद पति पप्पू उर्फ मुबारक शाह को अईयासी व नसा खोरी की लत ऐसी लगी कि फिर उसको अपनी पत्नी व बच्चों सहित सब कुछ त्याग बैठा यहां तक के चोरी भी करने लगा और जब पत्नी ने समझाया तो उसको घर से निकाल दिया जब सज्जो अपने बच्चे सहित माएका समथर अपनी बैबा मां सलीमन के यहां अपनी ज़िन्दगी बसर करने लगी बता दें कि एक बच्चा आशिक अली जो साकिन में पैदा हुआ और छै महीने पैट में पल रहे आरिफ को लेकर अपनी मां सलीमन के यहां रहने लगी जब तक साकिन का मकान व जमीन पप्पू ने बैचकर खूब अईयासी जैसी हरकतों को अन्जाम दिया इधर पत्नी सज्जो मजदूरी कर अपने बच्चों का भरण-पोषण करती लेकिन सज्जो की किस्मत ने साथ न दिया और बड़े बेटे आशिक भी अपने बाप से भी बढ़कर निकला तो मां ने अपने उसको भी अपने पास रखने से मना कर दिया और तहसील मोंठ में शिक़ायती पत्र देकर अपनी सम्पत्ति से अलग कर दिया यहां तक के अपनी मां और अपने भाई को जान से मारने पर आमादा है
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