
*मिच्छामी दुक्कडम*
*जाने अनजाने मन वचन और कर्म से किसी को ठेस पहुंची हो तो क्षमा करें*
*श्वेतांबर जैन समाज ने पर्यूषण पर्व के समापन पर मनाया क्षमापना पर्व*
खण्डवा//*सकल श्वेतांबर जैन समाज के पर्यूषण पर्व का गुरुवार को समापन हुआ । इस अवसर पर टपाल चाल स्थित महावीर भवन में सामूहिक क्षमापना पर्व मनाया गया ।अंतिम दिन सामूहिक रूप से प्रतिक्रमण कर संसार के समस्त जीवों से जैन समाज ने क्षमा मांगी ।श्वेतांबर स्थानकवासी जैन श्री संघ के प्रचार मंत्री चंद्र कुमार सांड ने बताया कि गुरुवार जैन स्थानक भवन में सकल जैन श्वेतांबर जैन समाज के पुरुष ,महिला एवं बच्चे बड़ी संख्या में एकत्रित हुए तथा सामूहिक क्षमा याचना की। छोटे ने बड़ों के पैर छूकर तथा बड़ों ने भी दोनों हाथ जोड़कर छोटे से क्षमा याचना की , महिलाओं ने पुरुषों से तथा पुरुषों ने भी महिलाओं से क्षमा याचना की।इसके पूर्व स्थानक भवन में चेन्नई एवं मुंबई शहरों से आए स्वाध्यायियों तथा जैन समाज के वरिष्ठ पदाधिकारीयो ने धर्म समाज को संबोधित किया । स्वाध्याई प्रदीप सेठिया ने मिच्छामी दुक्कडम का अर्थ समझाया कि मन, वचन और कर्म से जाने अनजाने में किसी को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा मांगने को मिच्छामि दुक्कडम कहा जाता है ।मिच्छामी मतलब :- में क्षमा चाहता हूं। दुक्कडम मतलब :- दोषों या गलतीयो की क्षमां हो । उन्होंने पर्यूषण पर्व और क्षमापना पर्व का महत्व बताया ।उन्होंने कहा आज के समय में भगवान महावीर के बताए मार्ग पर चलकर ही मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है। उसके उपरांत समाज के वरिष्ठ जवेरीलाल जैन, डॉ. नरेंद्र जैन ,अभय जैन, संजय जैन, सौभाग् सांड, विजय बोरा तथा विकास बोथरा ने भी संबोधित किया तथा पर्यूषण और क्षमापना पर्व का महत्व बताया। कार्यक्रम का संचालन समाज के सचिव मनसुख भंडारी ने किया। इस दौरान समाज के सुभाष मेहता,प्रमोद जैन,विजय
मेहता,कांतिलाल चोपड़ा जय नागडा डॉ पवन जैन , शेषमल खींचा,शीतल, पीयूष चौरडिया राजेंद्र घीया योगेश मेहता नरेंद्र सांड चंद्र कुमार सांड,भागचंद , रोहित मेहता, महिलाओं में सुशीला सांड , सरोज बोथरा, दर्शना बोथरा,सेजल मेहता कविता घीया,रचना नेहा चोरड़िया, उषा जैन रानी ,पायल बोथरा, अनीता सपना सांड वैशाली मेहता स्वाती कोचर आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम पश्चात् केशरिया दूध प्रसादी का वितरण हुआ ।*











