
’’सफलता की कहानी’’
स्व-सहायता समूह से जुडकर काम करने से गीता दीदी की परिवारिक जीवन में आई खुशहाली
डिंडौरी : 06 मार्च, 2025
आजीविका मिशन के माध्यम से स्व-सहायता समूह से जुडकर काम करने से ग्राम करंजिया निवासी गीता जम्बुक की परिवारिक जीवन में खुशहाली आई। गीता दीदी का परिवार अब आर्थिक रूप से सशक्त हो गया है। गीता दीदी ने बताया कि स्व-सहायता समूह में जुड़ने से पहले उन्हें घर चलाने में काफी समस्या आती थी, आर्थिक तंगी के चलते आए दिन दैनिक जरूरतों के लिए परेशान होना पड़ता था। उन्होंने बताया कि परिवार का भरण पोषण करने के लिए पति-पत्नि दोनों मजदूरी करते थे। साथ ही गुजारे के लिए कर्ज में भी लेना पड़ता था। गीता दीदी ने बताया कि 2015 में उन्हें ग्राम पंचायत के माध्यम से आजीविका अंतर्गत संचालित स्व-सहायता समूह के बारे में जानकारी मिली। जिसमें उन्होंने मोहल्ले की दीदीयों के साथ बैठक कर सिद्धिविनायक स्व-सहायता समूह का गठन कर समूह में जुड़ी। गीता दीदी ने बताया कि समूह में जुड़ने के बाद उन्हें आरएफ, सीआईएफ और सीसीएल की राशि का फायदा हुआ, जिससे उन्हें जीवन स्तर को सुधारने के लिए हौसला मिला, समूह के माध्यम से बैंक से ऋण प्राप्त होने पर उन्होंने किराना दुकान खोला। किराना दुकान चलने के बाद दूसरी बार पुनः ऋण मिलने से गीता दीदी अपने पति के लिए होटल भी खोला। दोनों एक दूसरे के सहयोग से किराना दुकान और होटल को संचालित करने लगे। उन्हें दुकान एवं होटल को सृजन करने हेतु पुनः तीसरे बार ऋण मिला जिससे और अच्छे से दुकान और होटल का संचालन करने में मदद मिली। अब गीता दीदी अपने पति के साथ दुकान और होटल का बेहतर ढंग से संचालन कर अपने बच्चों के साथ जीवन यापन कर रही हैं। गीता दीदी ने बताया कि अब उन्हें अच्छी खासी आमदानी हो जाती है, जिससे उनके परिवार का बढिया से भरण पोषण कर पा रहीं हैं। उन्होंने एक बेटी की शादी भी कर चुके हैं। इस प्रकार गीता दीदी का परिवार अब खुशहाली से जीवन यापन कर रहा है। गीता दीदी ने अपनी प्रसन्नता जाहिर करते हुए स्व-सहायता समूह के माध्यम से उनके जीवन में आए बदलाव के लिए आजीविका मिशन और जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।