जयपुर राजस्थान।
रिश्वत लेकर आर्गन ट्रांसप्लांट की फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में जयपुर पुलिस ने फोर्टिस हॉस्पिटल के दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। फॉर्टिस हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ भानु लववशी उर्फ भानु प्रताप की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को डॉक्टर के बारे में कई जानकारी मिली।
जयपुर पुलिस ने आज तीन अस्पतालों के डॉक्टर से 6 घंटे अलग-अलग पूछताछ की थी। इसके बाद सर्जन संदीप गुप्ता और जितेंद्र गोस्वामी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया कि दोनों डॉक्टर किराए के मकान में मरीज देखने जाते थे।
डॉक्टर जितेंद्र गोस्वामी फोर्टिस के पहले मणिपाल अस्पताल में काम करता था। मणिपाल का लाइसेंस रिन्यू नहीं होने पर सितंबर 23 में जितेंद्र गोस्वामी ने फोर्टिस ज्वाइन कर लिया था। डॉक्टर जितेंद्र और संदीप गुप्ता ही फोर्टिस में ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया करते थे। जानकारी में यह भी आया है कि इन लोगों को कई अन्य डॉक्टरों की जानकारी भी है जो ट्रांसफर प्लांट कर चुके हैं।
पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी भानू ने पुलिस को बताया है कि कौन-कौन डॉक्टर इस पूरे खेल में लगे हुए हैं। जिस पर पुलिस टीम ने दो डॉक्टरों को सुबह एसीपी गांधीनगर के कार्यालय में बुलाकर पूछताछ की। इस पर दोनों डॉक्टरों ने पुलिस के सवालों पर कोई जवाब नहीं दिया। दोनों को गिरफ्तार कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है।
रिश्वत लेकर आर्गन ट्रांसप्लांट की फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में जयपुर पुलिस ने फोर्टिस हॉस्पिटल के दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। फॉर्टिस हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ भानु लववशी उर्फ भानु प्रताप की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को डॉक्टर के बारे में कई जानकारी मिली।
जयपुर पुलिस ने आज तीन अस्पतालों के डॉक्टर से 6 घंटे अलग-अलग पूछताछ की थी। इसके बाद सर्जन संदीप गुप्ता और जितेंद्र गोस्वामी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया कि दोनों डॉक्टर किराए के मकान में मरीज देखने जाते थे।
डॉक्टर जितेंद्र गोस्वामी फोर्टिस के पहले मणिपाल अस्पताल में काम करता था। मणिपाल का लाइसेंस रिन्यू नहीं होने पर सितंबर 23 में जितेंद्र गोस्वामी ने फोर्टिस ज्वाइन कर लिया था। डॉक्टर जितेंद्र और संदीप गुप्ता ही फोर्टिस में ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया करते थे। जानकारी में यह भी आया है कि इन लोगों को कई अन्य डॉक्टरों की जानकारी भी है जो ट्रांसफर प्लांट कर चुके हैं।
पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी भानू ने पुलिस को बताया है कि कौन-कौन डॉक्टर इस पूरे खेल में लगे हुए हैं। जिस पर पुलिस टीम ने दो डॉक्टरों को सुबह एसीपी गांधीनगर के कार्यालय में बुलाकर पूछताछ की। इस पर दोनों डॉक्टरों ने पुलिस के सवालों पर कोई जवाब नहीं दिया। दोनों को गिरफ्तार कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है।