
सुरेन्द्र दुबे व्यूरो चीफ धार। हमारे धार्मिक ग्रंथों में नारी को शक्ति स्वरूपा देवी के रूप में माना गया है। जब-जब ऐसी परिस्थितियां निर्मित हुई है कि अधर्म का प्रसार बढ़ा है तब तब धर्म की स्थापना के लिए मातृशक्तियों ने अपनी भूमिका निभाई है। वर्तमान में समाज में मातृशक्तियों की भूमिका चूल्हे-चौके साथ समाज में भी महत्वपूण हो गई है। परिवार को संस्कार रोपण करने के साथ अब सामाजिक भूमिका निभाने का समय है। इसके लिए संगठित होकर मातृशक्तियों को धर्म स्थापना, धार्मिक विचारों का प्रचार-प्रसार करने के साथ स्वयं को आत्मनिर्भर बनाकर समाज में बराबरी के साथ योगदान देकर आगे बढ़ना है। इसमें महिलाएं भूमिका भी निभा रही है। कुछ इसी तरह के उद्देश्यों के साथ मातृशक्ति संगठन की स्थापना की गई है। यह बात मातृशक्ति संगठन धार के संयोजक अनिल जैन बाबा ने रविवार को नागदा में कही। श्री जैन ने कहा कि हमें जातिगत भेदभाव को मिटाना है। सामाजिक समरसता के साथ धर्म जागरण के कार्य में हम सनातन भाव के साथ काम करें, यह मुख्य उद्देश्य है। इसके अतिरिक्त मातृशक्तियां आत्मनिर्भर बनें, इसके लिए भी संगठन धार में काम कर रहा है। आने वाले समय में अलग-अलग क्षेत्रों में भी इसको लेकर काम का विस्तार किया जाएगा। इस दौरान मातृशक्ति संगठन की अध्यक्ष पप्पी मकवाना भी मौजूद थी। श्री जैन ने कहा कि जल्द संगठन की और से अनेकों स्थानों पर शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निशुल्क कोचिंग क्लॉॅसेस प्रारंभ की जाएगी।
नागदा में संगठन कार्यकाारिणी गठित
मातृशक्ति संगठन ने अल्प समय में धार में महिलाओं को धर्म एवं कार्य से जोड़कर एक मजबूत संगठन खड़ा किया है। धार्मिक आयोजनों के साथ संगठन पर्यावरण एवं आत्मनिर्भर बनने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसी गतिविधियां भी संचालित करता है। बदनावर विधानसभा के नागदा की अनाज मंडी में आहूत बैठक में धार जिलाध्यक्ष एवं संयोजक श्री जैन की मौजूदगी में नागदा की कार्यकारिणी गठित की गई। जिसमें अध्यक्ष रूक्माबाई जोशी, उपाध्यक्ष कैटरीना जोशी, सचिव मोना भाटी, सहसचिव भूरी बाई एवं गीता बाई को बनाया गया है। इस दौरान सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों का श्री जैन व श्रीमती मकवाना ने स्वागत किया।
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