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जेई/एईएस (चमकी बुखार) की रोकथाम हेतु स्वास्थ्य संस्थानों में सभी व्यवस्थाएं रखें अपडेट : पश्चमी चंपारण जिलाधिकारी। वार्ड एवं बेड सहित दवाईयों की उपलब्धता करें सुनिश्चित।

पश्चमी चंपारण जिलाधिकारी, श्री दिनेश कुमार राय की अध्यक्षता में आज समाहरणालय सभाकक्ष में जेई/एईएस की रोकथाम हेतु जिला टास्क फोर्स की बैठक सम्पन्न हुयी।

बेतिया:- बिहार:- से संपादक अहमद राजा खान कि रिपोर्ट

जेई/एईएस (चमकी बुखार) की रोकथाम हेतु स्वास्थ्य संस्थानों में सभी व्यवस्थाएं रखें अपडेट : पश्चमी चंपारण जिलाधिकारी।

वार्ड एवं बेड सहित दवाईयों की उपलब्धता करें सुनिश्चित।

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जेई/एईएस की रोकथाम हेतु जिला टास्क फोर्स की बैठक सम्पन्न।

“चमकी को धमकी“ का प्रचार-प्रसार कराने का निर्देश।

पश्चमी चंपारण जिलाधिकारी, श्री दिनेश कुमार राय की अध्यक्षता में आज समाहरणालय सभाकक्ष में जेई/एईएस की रोकथाम हेतु जिला टास्क फोर्स की बैठक सम्पन्न हुयी।

जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को निदेश दिया कि जेई/एईएस (मस्तिष्क ज्वर-चमकी बुखार) की रोकथाम हेतु पूरी तैयारी रखें। सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सभी व्यवस्थाएं अपडेट रखें। उन्होंने कहा कि जेई/एईएस (चमकी बुखार) से पीड़ित बच्चों के ईलाज के प्रति सजग एवं सतर्क रहें। बच्चों की जान कीमती है। मेडिकल कॉलेज सहित जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट रखा जाय। संस्थानों में वार्ड एवं बेड की पर्याप्त व्यवस्था की जाय।

 

उन्होंने कहा कि सभी पीएचसी में जेई/एईएस से बचाव हेतु सभी आवश्यक दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय। आवश्यक दवाओं के साथ-साथ पैरासिटामोल, ओआरएस, विटामिन ए सहित ग्लूकोज भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायें। साथ ही पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस की व्यवस्था, डॉक्टर, नर्सेंज की उपस्थिति आदि की समुचित व्यवस्था सभी स्वास्थ्य संस्थानों में रहनी चाहिए। सिविल सर्जन स्वयं सभी कार्यों का नियमित अनुश्रवण एवं निरीक्षण करते रहेंगे। किसी भी प्रकार की लापरवाही, कोताही एवं शिथिलता कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

उन्होंने कहा कि जेई/एईएस एक गंभीर बीमारी है, जो अत्यधिक गर्मी एवं नमी के मौसम में फैलती है। इसके रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। किसी भी सूरत में ईलाज के अभाव में किसी भी बच्चे की जान नहीं जानी चाहिए।

 

सिविल सर्जन को निदेश दिया गया कि जेई/एईएस की रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन सहित “चमकी को धमकी“ से संबंधित जानकारी का व्यापक स्तर पर बुकलेट, पम्फलेट, दीवाल लेखन, नुक्कड़ नाटक, फ्लेक्स, चौपाल आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित किया जाय। साथ ही अभिभावकों को जागरूक किया जाय। बच्चों के अभिभावकों को बताएं कि कोई भी बच्चा रात में भूखा नहीं सोए, इस बीमारी के कुछ भी लक्षण दिखे तो जल्द से जल्द अस्पताल जाएं ताकि उनका समय पर ईलाज हो सके।

 

जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि मस्तिष्क ज्वर की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी ”चमकी को धमकी” के तीन मुख्य बातें यथा-(1) खिलाओ- बच्चों को रात में सोने से पहले भरपेट खाना जरूर खिलाएं (2) जगाओ-रात के बीच में एवं सुबह उठते ही देखें कि कहीं बच्चा बेहोश या उसे चमकी तो नहीं एवं (3) अस्पताल ले जाओ-बेहोशी या चमकी दिखते ही आशा को सूचित कर तुरंत 102 एम्बुलेंस या उपलब्ध वाहन से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं का व्यापक प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित करें।

 

सिविल सर्जन ने बताया कि अभिभावक अपने-अपने बच्चों को रात में बिना खाना खिलाएं नहीं साने दें। अगर कोई बच्चा शाम के समय में खाना खाया है और सो गया है तो उसे भी रात में जगाकर अवश्य खाना खिलाएं। इसके साथ ही बच्चों को रात में सोते समय अनिवार्य रूप से मीठा सामग्री यथा-गुड़, शक्कर, चीनी आदि खिलाएं। उन्होंने कहा कि चमकी बुखार अधिकांशतः रात के 02 बजे से 04 बजे के बीच अक्रामक रूप लेता है, इस समय सभी अभिभावकों को सचेत रहने की आवश्यकता है। अगर चमकी के साथ तेज बुखार हो तो तुरंत क्षेत्र के एएनएम, आशा कार्यकर्ता अथवा आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को सूचित करें। इनके माध्यम से आवश्यक दवाएं तथा प्राथमिक उपचार की जायेगी तथा नजदीकी पीएचसी में ले जाकर समुचित उपचार किया जायेगा।

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, श्रीमती प्रतिभा रानी, अपर समाहर्ता, श्री राजीव कुमार सिंह, एसडीएम, बेतिया, श्री विनोद कुमार, एसडीएम, नरकटियागंज, श्री सूर्य प्रकाश गुप्ता, सिविल सर्जन, डॉ0 श्रीकांत दूबे, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, डॉ0 रमेश चन्द्रा, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, श्री हरेन्द्र कुमार सहित डॉ0 मुन्ना आदि उपस्थित थे।

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