शहर में जहां गाड़ियां और ट्रैफिक का जमावड़ा लगा रहता है, भीड़ भरे चौराहे पर ट्रैफिक इतना होता है कि आम आदमी के निकलने तक की जगह नहीं होती है, वैसे तो कोटा शहर में सिग्नल फ्री चौराहे भी है, फिर भी ट्रैफिक से बाहर निकलना, जंग जीतने जैसा है, ऐसे में कोटा शहर में कहीं फ्लाईओवर के नीचे ऐसी भी गाड़ियां खड़ी है, जिनके मालिकों का अता पता नहीं है, गाड़ियों पर धूल की एक मोटी चादर जम चुकी है, शहर के बड़े मार्केट स्वर्ण रजत मार्केट मार्केट के बाद ऐसी लावारिस कारे खड़ी हुई है, जो बेकार हो कबाड़ तक हो चुकी है, ऐसी लावारिस गाड़ियों के मलिक इन गाड़ियों की सुध नहीं ले रहे हैं, इस कारण से मार्केट के आसपास गाड़ी खड़ी करने वालों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, या तो यह लावारिस गाड़ियां चोरी की है, या फिर इन गाड़ियों की कभी भी चोरी हो सकती है,
ऐसे गैग भी सक्रिय है जो गाड़ी चोरी करने के बाद कहीं भी खड़ी कर देते हैं और महिनॊं सालों तक वह पड़ी रहती है,किसी का इन गाड़ियों की तरफ ध्यान नहीं जाता है, और अपराधी अपराध को अंजाम दे देते हैं, प्रशासन को ऐसे मामले में कार्रवाई करते हुए, लावारिस गाड़ियों के मालिकों का पता करना चाहिए, कार्रवाई करते हुए तभी पता चलेगा कि यह गाड़ी चोरी की है या नही, भीड़ भरे चौराहे या मार्केट के पास से ऐसी बेकार गाड़ियों को हटाने का काम करना चाहिए आम जानकारी यही कहना है इन पर -कब होगी कार्रवाई, कौन देगा जवाब