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जातिगत सर्वे से अगर फायदा हो रहा होता तो लालू को छोड़कर भाजपा के साथ क्यों भागे नीतीश कुमार, नीतीश जी को पता चल गया कि जातिगत सर्वे का कीचड़ लालू के साथ उन्होंने अपने मुंह पर लगा लिया: प्रशांत किशोर

*जातिगत सर्वे से अगर फायदा हो रहा होता तो लालू को छोड़कर भाजपा के साथ क्यों भागे नीतीश कुमार, नीतीश जी को पता चल गया कि जातिगत सर्वे का कीचड़ लालू के साथ उन्होंने अपने मुंह पर लगा लिया: प्रशांत किशोर* *पटना* जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने जाति के नाम पर राजनीति करने वाले लालू-नीतीश पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार में जो जातीय सर्वे करवाया गया वो नीतीश कुमार का एक प्रयास था कि इसका राजनीतिकरण करके और समाज को बांट कर इसका राजनीति में लाभ लिया जाए। मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि इसका कोई राजनीतिक लाभ नहीं मिलेगा। इसका प्रमाण यह है कि जो नीतीश कुमार जातीय सर्वे करवाने के बाद प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे थे, वही भाग कर भाजपा में शामिल हो गए। बिहार के लोगों को समझना चाहिए कि अगर जातिगत सर्वे से राजनीतिक लाभ होता तो वो भाग कर भाजपा में क्यों शामिल होते? सर्वे से समाज में एक बात जो खुल कर आ गई वो ये कि जिस पिछड़े जाति की बात पिछले 40 से 50 साल से हो रही है उनकी सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थितियों में आज तक कोई बदलाव नहीं आया है। लालू-नीतीश ने जमीन पर पड़े कीचड़ को अपने मुँह में लगा लिया है। इन नेताओं से सवाल होना चाहिए कि जिन पिछड़ों की राजनीति आप पिछले 40 सालों से कर रहे हैं उनमें कोई बदलाव अब तक क्यों नहीं आया? नीतीश-लालू ने मुसलमानों को भी मुर्ख बनाया है। नीतीश लालू को पसमांदा समाज से आए मुसलमानों को गृहमंत्री बना दीजिए? अतिपिछड़ा समाज से आ रहे लोगों को फाइनेंस मिनिस्टर बनाने से किसने रोका है? ये नेता मुसलमानों का सिर्फ वोट लेते हैं। बिहार में जब सरकार बनती है तो जितने बड़े पोस्ट होते हैं उसमें सबसे पहले कब्जा खुद मार लेते हैं।

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