
कुशीनगर/सुकरौली विकासखंड के पिडरा ग्राम सभा में वर्षों पहले लाखों रुपये की लागत से पानी टंकी का निर्माण शुरू किया गया था। गांव की प्यास बुझाने और हर घर तक पेयजल उपलब्ध कराने का दावा करने वाली यह परियोजना आज भी हवा-हवाई बनी हुई है। मौके पर जाकर देखा गया कि पानी टंकी का ढांचा तो खड़ा है, लेकिन काम अधूरा छोड़ दिया गया है। पाइपलाइन बिछाने का काम भी आधे रास्ते में रुक गया, जिससे ग्रामीणों को अब भी बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
टनकी के आसपास काई जमी है और जगह-जगह निर्माण सामग्री बिखरी पड़ी है। पाइपलाइन भी अधूरी छोड़कर ठेकेदार भाग गया।”
गांव की महिलाएँ सबसे ज़्यादा परेशान नज़र आती हैं। गर्मी में हालत और खराब हो जाती है। सरकार ने जो वादा किया था, वो बस कागजों में ही दिख रहा है।”
जांच के दौरान पता चला कि परियोजना की फाइल कई महीनों से कार्यालयों में घूम रही है। पाइपलाइन जोड़ने और मोटर लगाने का काम शुरू ही नहीं हुआ। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण अधूरा छोड़ दिए जाने से सरकारी धन की बर्बादी भी हो रही है, क्योंकि समय-समय पर टंकी की दीवारों में दरारें पड़ रही हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता कि हर घर नल योजना के नाम पर गांव के लोगों में बड़ी उम्मीदें जगी थीं, लेकिन अधूरे काम ने उन्हें निराश किया है। वे कहते हैं, “सरकार कहती है कि हर घर जल पहुंचेगा, लेकिन पदरा में तो इस दिशा में कोई प्रगति दिखाई ही नहीं देती।”
गांव के लोगों का साफ कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
पदरा के ग्रामीणों की निगाहें अब जिला प्रशासन और विकासखंड अधिकारियों पर टिकी हैं कि क्या यह अधूरी जल योजना पूरी होगी या इसी तरह अधर में लटकी रह जाएगी।













