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एकीकृत उद्यानिकी विकास मिशन के तहत किसानों को देंगे मदद

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एकीकृत उद्यानिकी विकास मिशन के तहत किसानों को देंगे मदद

खण्डवा//एकीकृत उद्यानिकी विकास मिशन के तहत उद्यानिकी गतिविधियों के लिए किसानों को वर्ष 2025-26 में विभिन्न कार्यों के लिए मदद दी जाएगी। उप संचालक उद्यानिकी श्री अजय चौहान ने बताया कि प्रति लाभार्थी 9 मीटर ग् 6 मीटर के फार्म गेट पैकहाउस के निर्माण के लिए अनुमानित 25 लाख रूपये लागत आती है। जिस पर हितग्राही को 50 प्रतिशत पर अनुदान की सुविधा उपलब्ध है। इसी तरह एकीकृत पैक हाउस निर्माण के लिए प्रति लाभार्थी अनुमानित 160 लाख रूपये तक लागत आती है। जिसके लिए 35 प्रतिशत तक क्रेडिट लिंक्ड बैंक एडेड सहायता हितग्राही को दी जाती है। इसी तरह संग्रह एकत्रीकरण केंद्र के लिए प्रति लाभार्थी अनुमानित 320 लाख रूपये तक लागत आती है। जिसके लिए 35 प्रतिशत तक क्रेडिट लिंक्ड बैंक एडेड सहायता हितग्राही को दी जाती है।
उप संचालक उद्यानिकी श्री चौहान ने बताया कि प्री-कूलिंग यूनिट के लिए अधिकतम 5 लाख रूपये/मीट्रिक टन तक अनुमानित लागत के लिए 35 प्रतिशत तक क्रेडिट लिंक्ड बैंक एडेड सहायता हितग्राही को दी जाती है। जबकि मोबाइल प्री-कूलिंग यूनिट स्थापित करने के लिए हितग्राही को 30 लाख रूपये तक अनुमानित लागत के लिए 35 प्रतिशत तक क्रेडिट लिंक्ड बैंक एडेड सहायता हितग्राही को दी जाती है। शीत कक्ष के लिए अधिकतम लागत 52 लाख रूपये तक अनुमानित लागत के लिए 35 प्रतिशत तक क्रेडिट लिंक्ड बैंक एडेड सहायता हितग्राही को दी जाती है। कोल्ड स्टोरेज 1 सिविल में टाइप-1 निर्माण के निर्माण हेतु अनुमानित लागत के लिए 35 प्रतिशत तक क्रेडिट लिंक्ड बैंक एडेड सहायता हितग्राही को दी जाती है। चौदह मीट्रिक टन की अधिकतम क्षमता वाले रेफ्रिजरेटेड परिवहन वाहन के लिए 31 लाख रूपये तक अनुमानित लागत आती है, जिसके लिए 35 प्रतिशत तक क्रेडिट लिंक्ड बैंक एडेड सहायता हितग्राही को दी जाती है।
गैर-दाबयुक्त पकाने वाले राईपनिंग चेम्बर निर्माण के लिए 1 लाख रूपये प्रति मीट्रिक टन दर से अनुमानित लागत के लिए 35 प्रतिशत तक क्रेडिट लिंक्ड बैंक एडेड सहायता हितग्राही को दी जाती है। इसी तरह दाबयुक्त पकाने वाले राईपनिंग चेम्बर निर्माण के लिए 1.20 लाख रूपये प्रति मीट्रिक टन दर से अनुमानित लागत के लिए 35 प्रतिशत तक क्रेडिट लिंक्ड बैंक एडेड सहायता हितग्राही को दी जाती है। कम लागत वाली प्याज व लहसुन भंडारण संरचना निर्माण के लिए 5 से 25 मीट्रिक टन के लिए 10000 रूपये/मीट्रिक टन के मान से, 25 से 500 मीट्रिक टन के लिए 8000 रूपये/मीट्रिक टन के मान से तथा 500 से 1000 मीट्रिक टन के लिए 6000 रूपये प्रति मीट्रिक टन के मान से अनुमानित लागत आती है, जिसके लिए 50 प्रतिशत तक बैंक एडेड सहायता हितग्राही को दी जाती है। लगभग 1 से 2 हेक्टेयर आकार की बड़ी नर्सरी निर्माण के लिए 30 लाख रूपये प्रतिशत हेक्टेयर अनुमानित लागत के लिए 40 प्रतिशत तक अनुदान सहायता हितग्राही को दी जाती है। खाद निर्माण इकाई की स्थापना के लिए 30 लाख रूपये प्रति इकाई के मान से अनुमानित लागत आती है, जिसके लिए 40 प्रतिशत तक अनुदान सहायता हितग्राही को दी जाती है। मशरूम उत्पादन की छोटी इकाई की स्थापना हेतु 200 वर्ग फीट आकार की संरचना के लिए प्रति इकाई 2 लाख रूपये की अनुमानित लागत के लिए 40 प्रतिशत तक अनुदान सहायता हितग्राही को दी जाती है। मधुमक्खी प्रजनक द्वारा मधुमक्खी के झुंडों का उत्पादन इकाई स्थापना के लिए 10 लाख रूपये की अनुमानित लागत के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान सहायता हितग्राही को दी जाती है।
उप संचालक उद्यानिकी श्री चौहान ने बताया कि इन सभी गतिविधियों के लिए 31 अगस्त तक ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किये गये हैं। आवेदन के साथ विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन, बैंक एप्राइजल रिपोर्ट, बैंक ऋण स्वीकृत पत्र, जहाँ इकाई स्थापित होना है उस भूमि से संबंधित दस्तावेज, केन्द्र एवं राज्य सरकार से पूर्व में अनुदान सहायता प्राप्त न करने का राशि रुपये 100 के स्टाम्प पर घोषणा पत्र, इसके अलावा कोल्ड स्टोरेज एवं रायपेनिंग चेम्बर के प्रकरणी में भवन निर्माण अनुजा प्रमाण पत्र, एनसीसीडी की ड्राइंग डिजाईन अनुसार निर्माण कराने का राशि रुपये 100 के स्टाम्प पर घोषणा पत्र इत्यादि दस्तावेज विभागीय पोर्टल www.mpfsts.mp.gov.in पर अपलोड करना अनिवार्य है। अपूर्ण एवं निर्धारित दस्तावेज अपलोड न करने वाले आवेदकों के आवेदनों प्रकरणी पर कोई विचार नहीं किया आवेगा।
उप संचालक उद्यानिकी श्री चौहान ने बताया कि इस योजना में लाभ लेने हेतु इच्छुक कृषकों द्वारा www.mpfsts.mp.gov.in पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन किये जा सकते हैं। ऑनलाईन आवेदन किये जाने के लिए आवेदन के साथ आधार कार्ड, खसरा बी भूमि का, पासपोर्ट फोटो, बैंक पासबुक, मोबाईल नंबर की जानकारी अपलोड करना होगी। अधिक जानकारी के लिए उद्यानिकी विभाग के विकासखंड या जिला स्तरीय कार्यालय में कार्यालयीन समय में कार्य दिवसों में संपर्क किया जा सकता है.

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